पाकिस्तान और तालिबान के बीच बढ़ रहा है विवाद, खराब हो सकते हैं दोनों देशों में हालात
पाकिस्तान और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के बीच विवाद लगातार गहराता जा रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के बीच विवाद लगातार गहराता जा रहा है। पहले ही दोनोंं देशों के बीच सीमा को लेकर विवाद है और तालिबान पाकिस्तान पर भारी पड़ता आया है। अब ये फहरिस्त और आगे बढ़ गई है। दोनों के बीच अब उभरा ताजा विवाद इन सभी से कहीं अधिक बड़ा है। दरअसल, तालिबान ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि वो अमेरिकी ड्रोन को अपने यहां से उड़ान भरने की मंजूरी दे रहा है। यही वजह है कि अमेरिकी ड्रोन से अफगानिस्तान में हमला किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान ने इस तरह के आरोपों का खंडन कर तालिबान सरकार पर तीखी टिप्पणी की है।
आपको बता दें कि अलकायदा के प्रमुख आयमान अल-जवाहिरी को 31 जुलाई को अमेरिका ने एक ड्रोन लान्च की गई मिसाइल से मार गिराया था। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसकी जानकारी दुनिया को दी थी। तभी से तालिबान अमेरिका और पाकिस्तान पर भड़का हुआ है। उसके भड़कने की एक बड़ी वजह ये भी है कि तालिबान के खिलाफ चले अमेरिकी अभियान में दो दशकों तक पाकिस्तान की जमीन का ही इस्तेमाल किया गया था। इसलिए भी तालिबान का शक पाकिस्तान पर जा रहा है।
अलकायदा और तालिबान का पूर्व में गहरा नाता रहा है। यही वजह है कि तालिबान अल जवाहरी की मौत से सदमे में है और पाकिस्तान को इसका सीधा दोषी मान रहा है। तालिबान के रक्षा मंत्री ने सीधे तौर पर पाकिस्तान का इसमें हाथ होने की बात कही है। इसके बाद पाकिस्तान भी भड़का हुआ है। पाकिस्तान ने तालिबान के अंतरिम रक्षा मंत्री के आरोप को खारिज करते हुए उनके बयान को बेहद खेदजनक बताया है।
पाकिस्तान ने तालिबान के बयान पर तीखी टिप्पणी करते हुए यहां तक कहा है कि इस तरह का बयान जिम्मेदार राजनयिक आचरण के मानदंडों का उल्लंघन है। तालिबान ने अल जवाहिरी की मौत जांच भी की थी। इसके करीब एक माह बाद तालिबान ने पाकिस्तान पर इस तरह के आरोप लगाए थे। ये आरोप अफगानिस्तान के कार्यवाहक रक्षा मंत्री मुल्ला मोहम्मद याकूब की तरफ से लगाए गए थे। पिछले साल 31 अगस्त को अफगानिस्तान से अपनी सेना को वापस बुलाने के बाद अमेरिका का ये पहला हमला था।
अपने बयान में अफगानिस्तान के कार्यवाहक रक्षा मंत्री मौलवी मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में प्रवेश के लिए अमेरिकी ड्रोन को अपना हवाई क्षेत्र मुहैया करा रहा है उसको बंद किया जाना चाहिए। याकूब ने ये भी कहा कि 2021 में अमेरिकी सेना के यहां से जाने के बाद से अफगानिस्तान का रडार सिस्टम नष्ट हो गया है। वहीं इसका तीसरा पक्ष इस मामले में खामोशी बरत रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने रायटर से यहां तक कहा है कि उन्होंने इस पूरे मामले की जांच करवाई थी। जांच के बाद पता चला कि ऐसा कुछ नहीं था। गौरतलब है कि दोनों देशों के दरमियान तालिबान के अफगानिस्तान में आने के बाद आपसी मुलाकात अब तक पांच बार हुई है। इनमें से आखिरी अक्टूबर 2021 में काबुल में हुई थी।a