कोरोना संक्रमण का फिर बढ़ रहा खतरा, एक्सपर्ट्स ने दी चेतावनी
वैज्ञानिकों ने कहा कि ऐसे में हमें इस पर नजर रखने की जरूरत है. इस पर नजर रखने के लिए जीनोमिक निगरानी रखने की जरूरत है.
पूरी दुनिया में एक बार फिर कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता दिखाई दे रहा है. कई देशों में कोविड के मामले अचानक तेजी से बढ़ने लगे हैं. इसे देखते हुए एक्सपर्ट्स ने चेतावनी भी जारी कर दी है. चेतावनी कोरोना के नए खतरनाक वेरिएंट को लेकर जारी की गई है. एक्सपर्ट्स ने कहा है कि कोविड-19 का खतरनाक डेल्टाक्रॉन वेरिएंट सामने आ सकता है.
संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है
'द मिरर' की रिपोर्ट के मुताबिक एक्सपर्ट्स ने कहा है कि लगभग हर जगहों पर पाबंदियां हटने लगी हैं, ऐसे में कोविड के नए वेरिएंट और इसके तेजी से फैलने का खतरा बढ़ने लगा है. प्रतिबंध हटाए जाने के साथ आशंका है कि वायरस का एक खतरनाक नया रूप सामने आ सकता है. इससे पहले पूरी दुनिया में कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट ने लोगों को तेजी से अपनी जद में लिया था. चेतावनी में यह भी कहा गया है कि वायरस के नए वेरिएंट की खबर उसके आने के कई दिन बाद लगती है. ऐसे में संक्रमण को लेकर अब भी सतर्क रहने की जरूरत है. कोरोना वायरस का नया डेल्टाक्रॉन वेरिएंट हाल ही में सामने आया है. यह डेल्टा और ओमिक्रॉन से मिलकर बना है.
फरवरी में सामने आया था डेल्टाक्रॉन वेरिएंट
'वेल्सऑनलाइन' की रिपोर्ट के मुताबिक डेल्टाक्रॉन वेरिएंट के बारे में फरवरी के मध्य में पता चला था. पेरिस के पाश्चर इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस का जेनेटिक सीक्वेंस नोटिस किया जो अभी तक के सभी वेरिएंट से अलग दिख रहा था. नए वेरिएंट का सैंपल उत्तरी फ्रांस के एक बुजुर्ग व्यक्ति में मिला था और अजीब लग रहा था. इसका ज्यादा जेनेटिक सीक्वेंस डेल्टा वेरिएंट की तरह था, जो पिछले साल के अंत तक दुनिया भर में प्रमुख था.
अलग-अलग भी हो सकते हैं डेल्टाक्रॉन वेरिएंट
लेकिन सीक्वेंस का वह हिस्सा जो वायरस के स्पाइक प्रोटीन को एन्कोड करता है वह ओमिक्रॉन से आया है. अमेरिका में मार्च तक तीन और हाइब्रिड जेनेटिक सीक्वेंस की जानकारी भी सामने आ चुकी है. एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि डेल्टाक्रॉन वेरिएंट अलग-अलग भी हो सकते हैं. पाश्चर इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने कहा है कि यूके और यूएस में रिपोर्ट किए गए डेल्टाक्रॉन वेरिएंट और अन्य देशों में पाए गए डेल्टाक्रॉन वेरिएंट में कुछ अंतर भी मिले हैं. वैज्ञानिकों ने कहा है कि हम अभी भी डेल्टाक्रॉन के बारे में पर्याप्त नहीं जानते हैं कि यह अभी तक के वेरिएंट से कितना अलग होगा.
कई देशों में सामने आ चुका है डेल्टाक्रॉन वेरिएंट
डेल्टाक्रॉन कई देशों में पाया गया है, संभावना है कि यह वेरिएंट फैल सकता है. ओमिक्रॉन अभी यूरोप में तेजी से फैल रहा है. इसलिए यह भी जरूरी है कि हमें ओमिक्रॉन के प्रति सतर्कता अब भी बरतनी होगी. अब आने वाला वक्त ही बताएगा कि डेल्टाक्रॉन क्या ओमिक्रॉन की जगह लेगा? क्या डेल्टाक्रॉन पर वैक्सीन इम्यूनिटी काम करेगी? या क्या यह अधिक गंभीर स्थिति का कारण बनेगा? इन सभी सवालों का जवाब तलाशने के लिए वर्तमान में बहुत कम डेल्टाक्रॉन केस हैं. वैज्ञानिकों ने कहा कि ऐसे में हमें इस पर नजर रखने की जरूरत है. इस पर नजर रखने के लिए जीनोमिक निगरानी रखने की जरूरत है.