मर गया 26/11 अटैक का गुनहगार आतंकी, भारत के एक और दुश्मन का अंत
हार्ट अटैक आया.
नई दिल्ली: मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड लोगों में से एक हाफिज अब्दुल रहमान मक्की की मौत हो गई है। उसे शुक्रवार को हार्ट अटैक आया, जिसमें उसकी मौत हो गई। मक्की का जमात-उद-दावा के कमांडर हाफिज सईद से करीबी रिश्ता था और वह उसका बहनोई था। हाफिज सदई ने अब्दुल रहमान मक्की को जमात उद दावा का डिप्टी चीफ बना रखा था। मक्की की मौत की पुष्टि करते हुए जमात उद दावा ने बतान भी जारी किया है। आतंकी संगठन का कहना है कि मक्की बीते कुछ दिनों से बीमार था। उसका डायबिटीज बढ़ा हुआ था और उसे इलाज के लिए लाहौर के एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया गया था। इसी दौरान उसे हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई।
जमात-उ-दावा का कहना है कि मक्की को शुक्रवार सुबह ही हार्ट अटैक आया और उसने लाहौर के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया। भारत की ओर से उसके खिलाफ लगातार ऐक्शन की मांग हो रही थी और पाकिस्तान से उसे सौंपे जाने की डिमांड भी कई गई थी। इसके बाद भी पाकिस्तान हाफिज सईद और उसके गुर्गों को लगातार शह देता रहा है। ये लोग पाकिस्तान में न सिर्फ आतंकी गतिविधियां चलाते रहे हैं बल्कि आतंकवाद के लिए फंडिंग भी जुटाते रहे हैं। काफी दबाव के बाद दिखावे के लिए ही सही, लेकिन पाकिस्तान की ऐंटी टेररिज्म कोर्ट ने अब्दुल रहमान मक्की को 2020 में 6 महीने कैद की सजा दी थी। मक्की पर टेरर फाइनेंसिंग के आरोप में यह ऐक्शन लिया गया था।
कहा जाता है कि मक्की ही जमात-उद-दावा की सारी गतिविधियां चलाता था और खुद को लो प्रोफाइल ही रखता था। इसके चलते जमात का चेहरा लंबे समय से हाफिज सईद ही रहा है और मक्की के बारे में कम लोगों को जानकारी थी। पाकिस्तान मुताहिदा मुस्लिम लीग नाम के संगठन ने मक्की को पाकिस्तान की विचारधारा का पैरोकार बताया है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी 2023 में मक्की को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया था। उस पर ट्रैवल बैन लगाए थे और संपत्तियों को जब्त करने का आदेश जारी किया गया था। हालांकि इन सब कार्रवाइयों के बाद भी वह पाकिस्तान में अन्य आतंकियों की तरह ही खुलेआम घूमता था।
अब्दुल रहमान मक्की पर 2000 में लाल किले पर हमले की साजिश रचने का भी आरोप था। इसके अलावा रामपुर आतंकी हमला, श्रीनगर में 2018 में अटैक और बारामूला के आतंकी हमले में भी मक्की का हाथ माना जाता है। मक्की ने बारामूला में 30 मई, 2018 को अटैक कराया था, जिसमें तीन नागरिक मारे गए थे। श्रीनगर में किए गए हमले में एक वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी मारे गए थए। उनके दो अन्य सहयोगियों का भी कत्ल कर दिया गया था। ये हमले लश्कर-ए-तैयबा ने कराए थे और पूर्व में मक्की इसका ही हिस्सा था। लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक भी हाफिज सईद ही रहा है।