पाकिस्तान में लोगों पर बढ़ा महंगाई का भार, पेट्रोल हुआ 290 रुपये लीटर, अभी और बढ़ेंगे दाम
आर्थिक तंगी और नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान में पेट्रोल के दाम एक बार फिर बढ़ सकते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आर्थिक तंगी और नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान (Petrol Prices in Pakistan) में पेट्रोल के दाम एक बार फिर बढ़ सकते हैं. जिससे देश की आबादी पर महंगाई का भार भी बढ़ेगा. इस बात की जानकारी वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल (Finance Minister Miftah Ismail) ने दी है. पीपीपी के सीनेटर ने बुधवार को कहा कि वह गुरुवार संसद में पेट्रोल के बढ़ते दाम का मुद्दा उठाएंगे. उन्होंने ऑल पाकिस्तान सीएनजी एसोसिएशन (APCNGA) के अधिकारियों के साथ बैठक की है. इसके बाद उन्होंने कहा कि पेट्रोल का आयात देश पर भारी पड़ रहा है. इससे मुद्रा का अवमूल्यन हो रहा है और सर्कुलर ऋण बढ़ रहा है.
APCNGA ग्रुप के लीडर घियास अब्दुल्ला पराचा ने सीनेटर से कहा कि एक लीटर पेट्रोल का दाम सभी टैक्स और ड्यूटी को मिलाकर करीब 291 रुपये हो गया है. ये दाम आईएमएफ की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की वजह से अभी और बढ़ेंगे. उन्होंने कहा, 'किसी को नहीं पता कि तेल के दाम कितने समय तक इसी तरह बढ़े रहेंगे. और दूसरी बात लोगों को एक लीटर पेट्रोल 290 से 300 रुपये तक में लेना पड़ रहा है.' कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान में पेट्रोल के दाम 25 रुपये तक और बढ़ेंगे. हालांकि इस बाबद अभी अधिसूचना जारी नहीं हुई है.
बिजली बचाने की कोशिश भी तेज
दूसरी तरफ पाकिस्तान सरकार ने बिजली बचाने के प्रयासों के तहत इस्लामाबाद शहर में रात 10 बजे के बाद विवाह कार्यक्रमों पर रोक लगाने और देशभर में रात साढ़े 8 बजे बाजार बंद करने का निर्णय लिया है. बुधवार को मीडिया में आईं खबरों में यह जानकारी दी गई. 'जियो न्यूज' की खबर के अनुसार भीषण बिजली संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान ने बिजली की खपत को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं और अब इस्लामाबाद में रात 10 बजे के बाद विवाह समारोहों पर पाबंदी रहेगी जो आठ जून से प्रभावी होगी.
मौजूद बिजली संकट का असर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है, जिसके चलते राष्ट्रीय आर्थिक परिषद (एनईसी) ने देशभर में (स्थानीय समयानुसार) रात साढ़े 8 बजे बाजार बंद करने का निर्देश दिया है. बिजली संकट को लेकर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया है. बैठक में खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री को छोड़कर सभी प्रांतों के मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया.
इस संबंध में जारी एक बयान में कहा गया है कि सिंध, पंजाब और बलूचिस्तान के मुख्यमंत्रियों ने व्यापारियों के संघ के साथ परामर्श करने के लिए दो दिन का समय मांगा है, लेकिन उन्होंने इस कदम पर सहमति जतायी है. बिजली मंत्री खुर्रम दस्तगीर ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि बाजारों को जल्दी बंद करने और घर से काम करने की व्यवस्था से बिजली की बचत हो सकती है. मंत्री ने कहा, 'देश में बिजली का उत्पादन 22,000 मेगावाट है और आवश्यकता 26,000 मेगावाट है.' उन्होंने कहा कि देश में में लगभग 4,000 मेगावाट ऊर्जा की कमी है.