अन्य वेरिएंट की तुलना में अलग है ओमीक्रॉन का व्यवहार, वैज्ञानिकों ने दी अहम जानकारी
इसके अलावा, यात्रियों से सभी जरूरी कदम उठाने को कहे जा रहे हैं.
कोरोनावायरस (Coronavirus) का नया ओमीक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) तेजी से दुनियाभर में फैल रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि ओमीक्रॉन वेरिएंट अभी तक 77 देशों में फैल चुका है और ये अभी तक सामने आए अन्य वेरिएंट्स की तुलना में ज्यादा तेजी से फैल रहा है. ओमीक्रॉन वेरिएंट को समझने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक अपना दिमाग लगाने में जुटे हुए हैं. इस वेरिएंट को इतना खतरनाक इसलिए माना जा रहा है क्योंकि अभी तक ये मौजूदा वैक्सीन के खिलाफ टिक पा रहा है. इस वजह से दुनियाभर के वैज्ञानिक ज्यादा चिंतित नजर आ रहे हैं.
अभी तक इस नए वेरिएंट को लेकर सामने आए नतीजों में कहा गया है कि ओमीक्रॉन की वजह से कोविड-19 के लक्षण ज्यादा गंभीर नहीं है, जबकि अन्य वेरिएंट्स ज्यादा गंभीर रूप से बीमार करते थे. यहां गौर करने वाली बात ये है कि जो लोग ओमीक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित हुए हैं, उनमें एक लक्षण एक समान रहा है और वो लक्षण है (Omicron Symptoms) गले में खराश. दक्षिण अफ्रीका (South Africa) स्थित डिस्कवरी हेल्थ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने हाल ही में एक समाचार ब्रीफिंग में कहा कि डॉक्टरों ने संक्रमित लोगों में लक्षणों का थोड़ा अलग सेट देखा है.
अन्य वेरिएंट की तुलना में अलग है ओमीक्रॉन का व्यवहार
सीईओ डॉ रयान नोआच (Dr Ryan Noach) ने कहा, सबसे आम प्रारंभिक संकेत गले में खराश होना रहा था. इसके बाद मरीजों में नाक बंद होना, सूखी खांसी और निचले हिस्से में दर्द में मायालगिया का दिखाई देना. डॉ नोआच ने कहा, इनमें से अधिकतर लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि ओमीक्रॉन कम संक्रामक है. एक प्रमुख ब्रिटिश स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने भी डॉ नोआच के साथ सहमति व्यक्त की और कहा कि प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि ओमीक्रॉन पिछले कोरोनावायरस की तुलना में अलग व्यवहार कर रहा है.
भारत में 87 हुई ओमीक्रॉन संक्रमितों की संख्या
सर जॉन बेल ने मंगलवार को बीबीसी रेडियो 4 के कार्यक्रम में कहा, इस विशेष वायरस से लोगों को जो लक्षण मिलते हैं, वे पिछले रूपों से भिन्न होते हैं. उन्होंने आगे कहा कि बंद नाक और गले में खराश ऐसे लक्षण हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए. भारत में ओमीक्रॉन मामलों की संख्या 87 तक पहुंच गई है. भारत में ओमीक्रॉन के खतरे को देखते हुए एयरपोर्ट्स पर स्क्रीनिंग और टेस्टिंग बढ़ा दी गई है. इसके अलावा, यात्रियों से सभी जरूरी कदम उठाने को कहे जा रहे हैं.