पाकिस्तानऔर भारत में गतिरोध खत्म करने को पर्दे के पीछे चल रही वार्ता, जानें क्या है इसकी वजह

नई दिल्ली में भारत व पाकिस्तान के बीच सिंधु जल बंटवारे को लेकर आयोजित बैठक के बीच एक पाकिस्तानी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि गतिरोध समाप्त करने के लिए दोनों देश पर्दे के पीछे बातचीत कर रहे हैं।

Update: 2022-05-31 00:54 GMT

फाइल फोटो

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नई दिल्ली में भारत व पाकिस्तान के बीच सिंधु जल बंटवारे को लेकर आयोजित बैठक के बीच एक रिपोर्ट में दावा किया है कि गतिरोध समाप्त करने के लिए दोनों देश पर्दे के पीछे बातचीत कर रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों के हवाले से एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वर्षो से तनावपूर्ण रहे दोनों देशों के संबंध अगस्त 2019 में भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद काफी खराब हो गए हैं।

पर्दे के पीछे वार्ता की शुरुआत
दोनों देशों के राजनयिक संबंधों में कड़वाहट पैदा हो गई, द्विपक्षीय कारोबार स्थगित है और रचनात्मक वार्ताएं भी नहीं हो रही हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कार्यभार संभालने से पहले ही दोनों देशों में पर्दे के पीछे वार्ता की शुरुआत हो चुकी है।
रास्ता तलाशने में जुटे दोनों देश
रिपोर्ट में कहा गया है कि संपर्कों की वजह से फरवरी 2021 में युद्धविराम समझौते का नवीकरण हुआ और तब से इसके उल्लंघन की कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई है। हालांकि, यह प्रक्रिया दोनों देशों के बीच वार्ता की बहाली में कोई बड़ी भूमिका नहीं निभा सकी। पाकिस्तान में नई सरकार के गठन के बाद दोनों देश आधिकारिक वार्ता के लिए रास्ता तलाशने में जुट गए हैं।
एकदूसरे के संपर्क में दोनों देश
आधिकारिक सूत्रों ने कहा, 'इसे बैक चैनल, ट्रैक-2 या पर्दे के पीछे की वार्ता कहना उचित होगा। मैं सिर्फ इसकी पुष्टि कर सकता हूं कि दोनों देशों के संबंधित लोग संपर्क में हैं।' एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने पाकिस्तान की गठबंधन सरकार के एक वरिष्ठ सदस्य के हवाले से कहा, 'हमारी नीति स्पष्ट है। हम भारत समेत सभी देशों के साथ बातचीत व मेलजोल रखना चाहते हैं।'
व्यापारिक संबंधों की पुनर्बहाली से हो सकती है शुरुआत
सूत्रों ने भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत शुरू करने की इस कवायद के लिए अमेरिका व ब्रिटेन जैसे पश्चिमी देशों की सिफारिशों को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने दावा किया कि भारत पहले व्यापारिक संबंध बहाल करने में दिलचस्पी रखता है। शीर्ष तीन गेहूं उत्पादक देशों में शुमार भारत संकटग्रस्त पाकिस्तान को गेहूं निर्यात की इच्छा रखता है।
किफायती होगी भारत से खरीद
पाकिस्तान के लिए भी यह प्रस्ताव हितकर होगा, क्योंकि उसके लिए भारत से गेहूं खरीदना व उसकी ढुलाई करना अपेक्षाकृत किफायती होगा। हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारी द्विपक्षीय संबंधों के स्थगित होने का हवाला देते हुए इसकी संभावनाओं से इन्कार करते हैं। पाकिस्तान फिलहाल 20 लाख टन गेहूं की खरीद के लिए रूस से वार्ता कर रहा है।
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