तालिबान की नई गाइडलाइन, कहा - कोर्ट के हुक्म के बिना सरेआम लोगों को मारकर न लटकाएं
बीते दिनों अफगानिस्तान में लोगों को सरेआम मारकर लटकाने या कोड़े मारने की घटनाएं देखने को मिली.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बीते दिनों अफगानिस्तान (Afghanistan) में लोगों को सरेआम मारकर लटकाने या कोड़े मारने की घटनाएं देखने को मिली. इनके वीडियो वायरल होने के बाद तालिबान (Taliban) की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है. हालांकि तालिबान सरकार कई बार कह चुकी है कि वह 20 साल पुराने तालिबान शासन जैसा कुछ भी नहीं करेंगे, लेकिन हाल की घटनाएं कुछ और ही कहानी कहती हैं. ऐसे में तालिबान ने एक नया फरमान स्थानीय प्रशासन और लड़ाकों को दिया है. इसमें कहा गया है कि जब तक अफगानिस्तान की शीर्ष अदालत सार्वजनिक रूप से फांसी का आदेश नहीं देती है तब तक लोगों को सरेआम सजा देने से बचना चाहिए.
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक ट्वीट में कहा, "मंत्रिपरिषद ने फैसला किया है कि जब तक दोषी को सार्वजनिक करने की जरूरत नहीं हो और जब तक अदालत आदेश जारी नहीं करती है, तब तक सार्वजनिक रूप से कोई सजा नहीं दी जाएगी."
जब तक सुप्रीम कोर्ट इस तरह की कार्रवाई के लिए आदेश जारी नहीं करता, तब तक सार्वजनिक फांसी और शवों को फंदे से लटकाने से बचा जाना चाहिए." तालिबानी प्रवक्ता ने कहा, "यदि अपराधी को दंडित किया जाता है, तो सजा की व्याख्या की जानी चाहिए ताकि लोगों को अपराध के बारे में पता चले."
बता दें कि पिछले महीने अमेरिका ने अंगविच्छेद और फांसी को अफगानिस्तान में सजा के रूप में बहाल करने की तालिबान की योजना की कड़ी निंदा की थी. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका अफगान के लोगों खासकर अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों के साथ खड़ा है और मांग करता है कि तालिबान से इस तरह के किसी भी अत्याचारी दुर्व्यवहार को तुरंत बंद कर दे.