अफगानिस्तान में जल्द नई सरकार की घोषणा करेगा तालिबान, इन्हें मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

जल्द नई सरकार की घोषणा करेगा तालिबान

Update: 2021-09-01 13:44 GMT

Taliban Government Cabinet: तालिबान जल्द ही अफगानिस्तान में बनने जा रही अपनी नई सरकार और कैबिनेट मंत्रियों के नाम का ऐलान कर सकता है. एक अधिकारी ने बताया कि तालिबान और अन्य अफगान नेता संगठन (तालिबान) के शीर्ष आध्यात्मिक नेता के नेतृत्व में एक नई सरकार और कैबिनेट के गठन के लिए 'आम सहमति' पर पहुंच गए हैं और कुछ दिन में इसे लेकर घोषणा भी कर सकते हैं. तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य बिलाल करीमी ने बताया कि संगठन का सुप्रीम कमांडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा (Haibatullah Akhundzada) किसी भी परिषद का शीर्ष नेता होगा.

वहीं अखुंदजादा के तीन डिप्टी में से एक और तालिबान का जाना माना चेहरा मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Mullah Abdul Ghani Baradar) सरकार के दैनिक कामकाज का प्रभारी हो सकता है. हाल ही में तालिबान के नेताओं ने पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और पूर्व मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला के साथ बैठक की थी. यहां एक समावेशी सरकार बनाए जाने के लिए ये बैठकें हुई हैं. बिलाल करीमी ने बताया, पिछली सरकार के नेताओं और अन्य प्रभावशाली नेताओं के साथ इस्लामिक अमीरात में एक समावेशी अफगान सरकार बनाने पर विचार-विमर्श आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया है.
हफ्तों नहीं बल्कि कुछ दिनों में होगा ऐलान
करीमी ने कहा, 'वह एक आम सहमति पर पहुंच गए हैं. हम हफ्तों में नहीं बल्कि कुछ ही दिनों में कैबिनेट और सरकार की घोषणा करने वाले हैं.' करीब एक हफ्ते पहले ही तालिबान का सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Mullah Abdul Ghani Baradar) काबुल पहुंचा था. बरादर को 2010 में पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन वो ज्यादा वक्त तक हिरासत में नहीं रहा. साल 2018 में अमेरिका के दबाव के बाद उसे पाकिस्तान ने जेल से रिहा कर दिया और फिर उसे कतर स्थानांतरित किया गया.
डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में मिली थी रिहाई
अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में ही अफगानिस्तान में अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमी खलीलजाद (Zalmay Khalilzad) ने पाकिस्तान से कहा था कि वह बरादर को छोड़ दे, ताकि वो कतर में जारी बातचीत का नेतृत्व कर सके. इसके बाद ही अमेरिका ने अपने सैनिकों की वापसी से जुड़े समझौते पर तालिबान के साथ हस्ताक्षर किए थे. ट्रंप ने 2020 में हुए इस समझौते को शांति की दिशा में बड़ा कदम बताया था.
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