पाकिस्तान को तालिबान ने दिखाया आइना, 'सरकार पर नसीहत देने का अधिकार किसी को नहीं'
अफगानिस्तान में तालिबान का शासन लाने के लिए जोर-शोर से समर्थन करने वाले पाकिस्तान को ही ‘नई सरकार’ ने दो टूक जवाब दे दिया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban)का शासन लाने के लिए जोर-शोर से समर्थन करने वाले पाकिस्तान (Pakistan) को ही 'नई सरकार' ने दो टूक जवाब दे दिया है. तालिबान ने कहा कि पाकिस्तान या किसी और देश को यह मांग करने का कोई अधिकार नहीं है कि अफगानिस्तान में कैसी सरकार बनेगी.
दरअसल, पाकिस्तान (Pakistan)के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने पड़ोसी देश अफगानिस्तान (Afghanistan) में समावेशी सरकार (Inclusive Government) बनाने की नसीहत दी थी, लेकिन यह तालिबान (Taliban) के गले नहीं उतरी. तालिबानी प्रवक्ता और उपसूचना मंत्री जबीउल्लाह मुजाहिद ने डेली टाइम्स से कहा है कि पाकिस्तान या किसी और देश को इस मामले में बोलने का हक नहीं है.
इमरान ने सोशल मीडिया पर तालिबान से बातचीत के बारे में जानकारी दी थी. उन्होंने कहा- 'दुशान्बे में मैंने अफगानिस्तान के कई पड़ोसी देशों से लंबी बातचीत की. इस दौरान खासतौर पर ताजिकिस्तान के प्रेसिडेंट इमोली रहमान से चर्चा हुई. मैंने तालिबान से बातचीत शुरू कर दी है. मेरी कोशिश है कि वहां एक ऐसी सरकार बने, जिसमें ताजिक और हजारा के अलावा उज्बेक मूल के लोगों को भी शामिल किया जाए.'
इमरान खान ने आगे कहा- 'अफगानिस्तान में 40 साल तक तनाव चला. अब वक्त है कि वहां समावेशी सरकार बने और वो अमन और स्थिरता लाए. यह सभी अफगानिस्तान की जरूरत नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए बड़ी जरूरत है.'
वहीं, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों ने कहा था कि युद्धग्रस्त देश में एक समावेशी सरकार होना महत्वपूर्ण है, जिसमें सभी जातीय, धार्मिक और राजनीतिक समूहों के प्रतिनिधि हों. वहीं, तालिबानी नेता मोहम्मद मोबीन ने भी कहा था कि अफगानिस्तान को किसी ने यह अधिकार नहीं दिया है कि समावेशी सरकार की मांग करे. मोबीन ने सवाल किया था कि क्या समावेशी सरकार का मतलब यह होगा कि पड़ोसी अपने प्रतिनिधि और जासूस भेज सकें?