चीन संग रिश्तों पर तालिबान के मंत्री बोले- 'इस्लामिक हित' को ध्यान में रखा जाएगा
तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि अफगानिस्तान के चीन के साथ अच्छे संबंध हैं और कोई भी प्रगति ‘राष्ट्रीय और इस्लामिक हितों’ को ध्यान में रखेगी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तालिबान (Taliban) सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी (foreign minister Amir Khan Muttaqi) ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि अफगानिस्तान (Afghanistan) के चीन (China) के साथ अच्छे संबंध हैं और कोई भी प्रगति 'राष्ट्रीय और इस्लामिक हितों' को ध्यान में रखेगी. मुत्ताकी ने कहा 'चीन के साथ हमारे अच्छे राजनीतिक संबंध हैं. हमारा दूतावास चीन में और चीन का दूतावास अफगानिस्तान में काम कर रहा है. चीन के साथ हमारे आर्थिक संबंध भी हैं और यह दिन-ब-दिन आगे बढ़ रहा है. इस संबंध में और प्रगति करने के लिए, हम राष्ट्रीय और इस्लामिक हितों को ध्यान में रखेंगे और ऐसे कदम उठाएंगे जो अफगानिस्तान के साथ-साथ क्षेत्र के पड़ोसी देशों के लिए भी फायदेमंद होंगे.'
उन्होंने कहा, "हालांकि, हम अपने सिद्धांतों, राष्ट्रीय और इस्लामी हितों को ध्यान में रखते हुए अपनी कार्रवाई की योजना बनाएंगे.' मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चीन ने उइगर, कज़ाख और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों के अनुमानित 10 लाख या उससे अधिक सदस्यों को बंधक बनाकर रखा हुआ है. इसे आलोचक उनकी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान को मिटाने की कोशिश के रूप में बताते हैं. इधर, चीन ने शिनजियांग में दुर्व्यवहार के सभी आरोपों से इनकार किया है. News18 को दिए अपने साक्षात्कार के दौरान रूस के साथ समीकरणों के बारे में पूछे जाने पर, मुत्ताकी ने कहा कि इस्लामिक अमीरात, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के संबंध में 'तटस्थ खड़ा है. जहां तक अफगानिस्तान-रूस संबंधों का सवाल है, रूस के साथ हमारे राजनयिक और सकारात्मक संबंध हैं. रूस का दूतावास काबुल में काम कर रहा है और हमारा दूतावास मॉस्को में काम कर रहा है.
इसके अलावा, हमारे बीच अच्छे आर्थिक संबंध हैं और भविष्य में हमारे व्यापार में सुधार करने की योजना है. फिलहाल हम कह सकते हैं कि हमारी नई सरकार के मध्य एशियाई देशों और रूस से अच्छे संबंध हैं. पिछले साल अफगानिस्तान से अंतरराष्ट्रीय बलों की वापसी के बाद पश्चिम के साथ उनकी सरकार के मौजूदा संबंधों के बारे में पूछे जाने पर मुत्ताकी ने कहा कि काबुल उनके साथ 'सामान्य संबंध' चाहता है. 'हमने कतर, नॉर्वे और अन्य देशों में यूरोपीय संघ, यूरोपीय देशों और अमेरिका के साथ संयुक्त बैठकें कीं. उनके राजदूत और प्रतिनिधि भी काबुल गए थे. हम उनके साथ सामान्य संबंध चाहते हैं.' उन्होंने कहा कि हम सभी के साथ राजनयिक और आर्थिक संबंध चाहते हैं. हमने इस संबंध में कुछ प्रगति की है और, इंशाअल्लाह, और प्रगति की जाएगी.