तालिबान ने ताइक्वांडो स्टार के सपनों का किया 'कत्ल', जानिए खिलाड़ियों ने क्या कहा

अफगानिस्तान में राजनीतिक परिवर्तन का सपना देख रहे तालिबान के सत्ता में आने के साथ ही कई उभरते सितारों के सपने ढह गए हैं.

Update: 2021-11-10 01:34 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान में राजनीतिक परिवर्तन का सपना देख रहे तालिबान के सत्ता में आने के साथ ही कई उभरते सितारों के सपने ढह गए हैं. इस लिस्ट में अफगानिस्तान की दो बहनें भी शामिल हैं, जो अफगानिस्तान की उभरती हुई ताइक्वांडो स्टार बताई जा रही हैं. टेक्सास स्थित एक दैनिक समाचार पत्र ने बताया कि अफगानिस्तान की दो बहनें 26 वर्षीय नीलाब वाली और 19 वर्षीय अंजूरत वाली के सपने अफगानिस्तान में अचानक राजनीतिक परिवर्तन के कारण टूट गए. द डलास मॉर्निंग न्यूज के अनुसार, ये दोनों अफगानिस्तान के ताइक्वांडो में उभरते सितारे थे.

ताइक्वांडो को लेकर अपने प्यार के बारे में बताते हुए नीलाब ने कहा "मैं ताइक्वांडो में शामिल हुई क्योंकि अफगानिस्तान में एक महिला को अपने लिए एक लड़ाकू होना चाहिए, इसलिए मैंने इसकी शुरुआत की, लेकिन फिर मुझे इस खेल से प्यार हो गया." उन्होंने आगे बताया कि वह अन्य महिलाओं को छेड़ते हुए देखकर बिल्कुल नहीं चाहती थी ऐसा उनके साथ हो, इसलिए उन्होंने उनका मुकाबला करने के लिए अपनी तैयारी की.
अंजूरत वाली के अनुसार वह अपनी बहन के नक्शेकदम पर चलने के अलावा और कुछ नहीं चाहतीं ताकि यह साबित हो सके कि वह अपने लिए और दूसरों के लिए खड़ी हो सकती हैं. उन्होंने बताया कि "मैंने जिम्नास्टिक में शुरुआत की, और उसके बाद, मैंने अपनी बहन को ताइक्वांडो करते देखा, लड़ाई और प्रदर्शन मेरे लिए बहुत दिलचस्प थे."
बता दें कि वाली सिस्टर्स ने अपने देश के भीतर और बाहर दोनों जगह कई तरह की प्रतियोगिताएं जीती हैं. तालिबान ने अगस्त के मध्य में काबुल पर नियंत्रण करने के बाद जोर दिया था कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा की जाएगी. लेकिन तालिबान द्वारा अंतरिम सरकार की घोषणा के दौरान, अन्य देशों द्वारा एक समावेशी सरकार के लिए बार-बार आह्वान के बावजूद, समूह ने कैबिनेट में किसी भी महिला को शामिल नहीं किया.
वहीं अफगान डायस्पोरा नेटवर्क के अनुसार, महिला कार्यकर्ताओं, पेशेवरों और नेताओं के पलायन के साथ, महिलाओं के अधिकारों को आगे बढ़ाने और निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी भागीदारी के लिए अफगानिस्तान को एक पेशेवर कैडर की कमी का सामना करना पड़ेगा.


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