Taliban: अफगानिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद IMF ने रोका
तालिबान के कब्जे को एक महीने पूरे
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) को दी जाने वाली कई मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद रोक दी है. आईएमएफ की तरफ से कहा गया है कि तालिबान (Taliban) के नेतृत्व वाली सरकार की मान्यता पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में स्पष्टता आने तक अफगानिस्तान के साथ उसका जुड़ाव निलंबित रहेगा. आईएमएफ ने कहा कि वह अफगानिस्तान के आर्थिक हालात से बेहद चिंतित है और उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से देश में किसी मानवीय संकट को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है.
आईएमएफ के प्रवक्ता गैरी राइस ने कहा कि अफगानिस्तान के साथ हमारा जुड़ाव तब तक स्थगित कर दिया गया है, जब तक कि सरकार की मान्यता पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भीतर स्पष्टता नहीं हो जाती. उन्होंने कहा हम अफगानिस्तान में सरकार की मान्यता को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा निर्देशित हैं और अभी हमारे पास कोई स्पष्टता नहीं है. इसलिए, वहां आईएमएफ कार्यक्रम को रोक दिया गया है.
तालिबान के कब्जे को एक महीने पूरे
देश इस समय आईएमएफ संसाधनों, एसडीआर आदि तक पहुंच हासिल नहीं कर सकता है. तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था और पश्चिम समर्थित पिछले निर्वाचित नेतृत्व को सत्ता से बाहर कर दिया. कई वैश्विक नेताओं ने घोषणा की है कि वे तालिबान के शासन को राजनयिक मान्यता देने से पहले देखेंगे कि वह एक समावेशी अफगान सरकार और मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से किए गए अपने वादों को पूरा करता है या नहीं.
अफगानिस्तान पहले से ही गंभीर गरीबी और सूखे का सामना कर रहा था लेकिन जब पिछले महीने देश पर तालिबान ने कब्जा किया तब स्थिति और विकट हो गई. लाखों लोगों के देश छोड़ने से आर्थिक गतिविधियां भी लगभग ठप हैं. विदेशी दानदाताओं ने भी अफगानिस्तान को मदद रोक दी है. आईएमएफ की तरफ से यह मदद तब रोकी गई है जब पहले ही इस बात की आशंका जताई जा चुकी है कि अगर अफगानिस्तान को मदद नहीं मिली तो फिर इस देश में बहुत बड़ा संकट पैदा हो जाएगा.
UN ने दी है बड़ी चेतावनी
यूनाइटेड नेशंस (UN) ने पिछले दिनों चेतावनी दी है कि देश में जल्द ही भूखमरी और गरीबी का राज होगा. साथ ही सामाजिक व्यवस्था भी चरमरा जाएगी. यूएन की मानें तो देश पूरी तरह से बिखर जाएगा अगर इस देश को अगर वित्तीय मदद नहीं मिली तो फिर लाखों अफगान नागरिक गरीबी और भूखमरी में जीने को मजबूर होंगे.
UN की विशेष दूत डेबराह लियोन्स ने दुनिया के देशों से अपील की है कि वो एक साथ आकर देश को बर्बाद होने से बचाएं. उन्होंने कहा है कि अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था के मसले को समझना होगा.उन्होंने ने इस बात की आशंका भी जताई कि तालिबान का इस्लामिक राज दूसरे पड़ोसी देशों की तरफ भी बढ़ सकता है. लियोन्स ने कहा है कि अफगानिस्तान में इस समय मानवाधिकार संकट बहुत गहरा है और अगर इसे अभी नहीं संभाला गया तो फिर आने वाले दिन और खतरनाक हो जाएंगे.