तालिबान चीनी निवेश की खातिर बौद्ध प्रतिमाओं के संरक्षण में जुटा
अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज तालिबान अब बौद्ध प्रतिमाओं के संरक्षण में जुट गया है
मेस अयनाक (अफगानिस्तान), एपी। अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज तालिबान अब बौद्ध प्रतिमाओं के संरक्षण में जुट गया है। मेस अयनाक में जहां बुद्ध की प्रतिमाएं हैं, वहां सैकड़ों मीटर नीचे दुनिया के सबसे बड़े खनिज तांबे के भंडार का अनुमान है। अध्ययनों के मुताबिक, यहां एक करोड़ 20 लाख टन खनिज है। अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बीच नकदी संकट से जूझ रहे देश को उबारने के लिए तालिबान शासक क्षेत्र को राजस्व उगाही का माध्यम बनाना चाहते हैं।
पहले जब सत्ता में थे तब बुद्ध की प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया था
करीब दो दशक पहले जब यही कट्टरपंथी तालिबान सत्ता में थे तब देश में एक विशाल बौद्ध प्रतिमा को ध्वस्त कर दुनिया में कोहराम मचाया था। तालिबान ने प्रतिमाओं को मूर्ति पूजा कहते हुए इन्हें ध्वस्त करना अनिवार्य बताया था। 2008 में हामिद करजई प्रशासन ने मेस अयनाक से तांबा निकालने के लिए चीन के संयुक्त उपक्रम के साथ 30 साल के करार पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन हिंसा के कारण 2014 में चीन पीछे हट गया। अब तालिबान के खान एवं पेट्रोलियम कार्यवाहक मंत्री शाहबुद्दीन दिलावर ने अपने कर्मचारियों से चीन की सरकारी कंपनियों को फिर से बुलाने का आग्रह किया है।
लड़कियों के स्कूल जाने पर बंदिश के खिलाफ काबुल में प्रदर्शन
आइएएनएस के मुताबिक अफगानिस्तान में लड़कियों के लिए सातवीं से 12वीं तक की कक्षाएं बंद करने के खिलाफ काबुल में प्रदर्शन हुए। 23 मार्च को शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की थी कि केवल छठी कक्षा तक की लड़कियों के ही कक्षा में आने की अनुमति होगी, जबकि अन्य को अगले आदेश तक प्रतीक्षा करनी होगी।