तालिबान को नहीं पसंद आ रहा पाकिस्तान का दखल, जानें ISI चीफ के खिलाफ क्या बोला भड़का कमांडर
अफगानिस्तान में सरकार गठन यानी पदों के बंटवारे के बीच तालिबान की पाकिस्तान से नाराजगी की खबरें सामने आ रही हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान (Afghanistan) में सरकार गठन यानी पदों के बंटवारे के बीच तालिबान (Taliban) की पाकिस्तान से नाराजगी की खबरें सामने आ रही हैं. हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल एक ऑडियो क्लिप भी इस बात की ओर इशारा कर रही है. इस ऑडियो में एक तालिबानी कमांडर को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि पाकिस्तान (Pakistan) ने इंटरनेशनल लेवल पर उसकी साख खराब कर दी है. इस ऑडियो क्लिप में राष्ट्रपति भवन में हुई गोलीबारी का भी जिक्र है, ऐसी कुछ घटनाओं का जिम्मेदार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के चीफ फैज हमीद को बताया जा रहा है.
ISI चीफ पर भड़का कमांडर
ऑडियो से संकेत मिलते हैं कि तालिबान और पाकिस्तान के बीच तनाव कैबिनेट में पद और ISI प्रमुख के दखल को लेकर है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फैज हमीद ने हक्कानी और क्वेटा शुरा से कुछ नामों की पेशकश की थी. इससे भड़के तालिबानी कमांडर ने कहा, 'पंजाबी जनरल फैज हमीद ने बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है.' वहीं सूत्र बताते हैं कि काबुल पहुंचे ISI चीफ ने सिर्फ हक्कानी और क्वेटा शुरा के लोगों को कैबिनेट सदस्य बनाने पर मजबूर किया था.
तालिबान ने पहले कहा था कि वे एक व्यापक आधारित सरकार बनाएंगे, जिसमें तजिक, उजबेक और अल्पसंख्यक हजारा नए कैबिनेट में शामिल होंगे. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता हासिल करने के लिए उन्होंने कुछ पुराने राजनेताओं को भी शामिल करने की योजना बनाई थी. ऑडियो इस बात की ओर भी इशारा कर रहा है कि राष्ट्रपति भवन में तालिबान कमांडर और ISI प्रमुख के बॉडीगार्ड्स के बीच हुई गोलीबारी फैज हमीद के कारण हुई थी.
अफगानिस्तान की कैबिनेट अब पब्लिक डोमेन में है. दुनिया जानती है कि हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक का बेटा सिराजुद्दीन हक्कानी भी सरकार में शामिल है. इस संगठन को वॉशिंगटन ने आतंकी समूह घोषित किया है. अल-कायदा (AQ) से तार जुड़े होने की वजह से सिराजुद्दीन FBI की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में भी है.
आईएसआई चीफ का दखल
जबकि खबरें ये भी आ रही थीं कि दोहा में बैठी तालिबान की टीम देश का नेतृत्व संभालने के लिए कुछ सामान्य चेहरे और अन्य हालात संभालने के लिए कुछ कट्टरपंथियों को कैबिनेट में रखना चाहती थी. ऐसे में काबुल पहुंचे आईएसआई चीफ ने उनकी इस सोंच पर पानी फेर दिया.
दुनिया जानती है कि अफगानिस्तान और तालिबान को लेकर पाकिस्तान की भूमिका शुरुआत से ही संदिग्ध रही है. वहीं बात निकली तो दूर तक गई और फेसबुक पर सामने आए वायरल ऑडियो को कुछ समय बाद डिलीट कर दिया गया.