ताइवान ने कहा- हमला करने के बारे में ना सोचे चीन, वरना आखिरी सांस तक लड़ेंगे युद्ध

ताइवान (Taiwan) ने चीन (China) को चेतावनी देते हुए कहा है कि बीजिंग

Update: 2021-04-07 13:33 GMT

ताइवान (Taiwan) ने चीन (China) को चेतावनी देते हुए कहा है कि बीजिंग (Beijing) अगर उस पर हमला करता है तो वह अपनी आखिरी सांस तक उससे लड़ेगा. इस द्वीपीय देश के विदेश मंत्री ने बुधवार को कहा कि चीन द्वारा हमला किए जाने पर ताइवान अपने अंतिम सांस तक खुद का बचाव करेगा. जोसेफ वू (Joseph Wu) ने कहा कि चीन का समझौते की बात करना और फिर सैन्य धमकी देना देश के लोगों को मिश्रित संकेत दे रहा है.


चीन का दावा है कि ताइवान उसका क्षेत्र है और वो इसे हासिल करने के लिए शांति और बलप्रयोग दोनों ही का प्रयोग कर सकता है. ताइवान के विदेश मंत्री वू ने कहा कि सोमवार को चीन ने 10 युद्धक जहाजों को हमारे इलाके में भेजा. हमारे एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि चीन ने ताइवान के पास युद्धाभ्यास करने के लिए एक एयरक्राफ्ट कैरियर ग्रुप को तैनात भी किया है.


द्वीपीय देश की चुनी हुई सरकार को मान्यता नहीं देता है चीन
ताइवान के विदेश मंत्री ने कहा, हम बिना किसी सवाल के अपना बचाव करने को तैयार हैं. अगर हमें युद्ध करने की जरूरत पड़ी तो हम ऐसा करेंगे और अगर हमें युद्ध के आखिरी दिन तक खुद को बचाने की जरूरत पड़ेगी तो हम खुद को अंतिम सांस तक बचाने के लिए लड़ेंगे. बता दें कि चीन ताइवान की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को मान्यता नहीं देता है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच एकीकरण को अनिश्चितकाल के लिए बंद नहीं किया जा सकता है.

ताइवान के लोगों को अपने पाले में करने का प्रयास कर रहा है चीन
मंत्रालय की ब्रीफिंग के दौरान वू ने कहा कि एक ओर वे (चीन) अपनी संवेदना भेजकर ताइवान के लोगों को अपनी ओर करने का प्रयास करना चाहते हैं, लेकिन साथ ही वे ताइवान के लोगों को डराने के उद्देश्य से अपने सैन्य विमानों और सैन्य जहाजों को ताइवान के करीब भी भेज रहे हैं. उन्होंने कहा कि चीनी ताइवान के लोगों को बहुत मिश्रित संकेत भेज रहा है और मैं इसे आत्म-पराजय के रूप में रेखांकित करना चाहूंगा.

1949 में अलग हुए चीन और ताइवान
चीन की सेना ने सोमवार को कहा कि नौसेना का अभ्यास देश की संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा में मदद करने के लिए थे. 1949 में हुए गृहयुद्ध के बाद चीन और ताइवान अलग हो गए थे. ज्यादातर ताइवान के लोगों ने चीन के साथ मजबूत आर्थिक आदान-प्रदान में शामिल रहते हुए वास्तविक स्वतंत्रता की वर्तमान स्थिति को बनाए रखने की मांग की. चीन ने भी अधिक से अधिक आर्थिक एकीकरण के लिए स्थितियां बनाई हैं, लेकिन ताइवान की सरकार को कमजोर करने का प्रयास भी किया है.


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