सुइश बैंक डेटा लीक से पाकिस्तान में खलबली, पूर्व खुफिया प्रमुख अख्तर खान का भी नाम, सूची में 128 देशों के ग्राहकों का जिक्र

एक प्रमुख सुइश बैंक का डाटा लीक होने के बाद पाकिस्तान समेत दुनियाभर में खलबली मच गई है।

Update: 2022-02-22 00:50 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एक प्रमुख सुइश बैंक का डाटा लीक होने के बाद पाकिस्तान समेत दुनियाभर में खलबली मच गई है। इस सूची में अकेले पाकिस्तान के करीब 600 खातों का जिक्र है, जिनसे 1,400 लोग जुड़े हैं। सबसे प्रमुख नाम पूर्व खुफिया प्रमुख जनरल अख्तर अब्दुर रहमान खान का है। अफगानिस्तान में सोवियत संघ (यूएसएसआर) के दखल के खिलाफ मुजाहिदीन का नेटवर्क खड़ा करने वाले खान पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह जनरल जिया उल हक के करीबी थे।

भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों के खातों के पर्दाफाश
 'सुइश लीक' से जुड़ी इस रिपोर्ट का प्रकाशन जर्मन अखबार सुदेत्शे जितुंग में एक व्हिसल ब्लोअर के हवाले से किया गया है। उसने क्रेडिट सुइश नामक बैंक में स्थित कथित कुख्यात ड्रग्स तस्करों, मनी लांड्रिंग करने वालों, भ्रष्ट नेताओं व अधिकारियों के खातों के पर्दाफाश का दावा किया है।
128 देशों के ग्राहकों के नाम
जांच की शुरुआत आर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) की तरफ से की गई, जिससे दुनियाभर के 47 मीडिया संस्थान जुड़े हैं। संदिग्ध खाते पिछली सदी के चौथे दशक से लेकर वर्ष 2010 के बीच खोले गए थे। एएनआइ के अनुसार, सूची में बैंक के 128 देशों के ग्राहकों के नाम हैं।
18,000 बैंक खातों में जमा हैं 100 अरब डालर
व्हिसल ब्लोअर ने 18 हजार से ज्यादा बैंक खातों के आंकड़े सार्वजनिक किए हैं, जिनमें 100 अरब डालर (करीब 7,457 अरब रुपये) से अधिक की राशि जमा है।
होस्नी मुबारक के दो बेटों के भी नाम
बैंक के खाताधारकों में जार्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय (22.3 करोड़ डालर) व मिस्त्र के पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक के दो बेटों के नाम भी शामिल हैं। इनके अलावा बैंक में अमेरिका के सहयोगी रहे कई देशों के वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों व उनकी संतानों की रकम भी जमा है।
जनरल खान के बेटों के नाम पर खोले गए खातों में लाखों डालर
ओसीसीआरपी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अफगानिस्तान में मुजाहिदीन के समर्थन के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के पूर्व प्रमुख जनरल खान ने अमेरिका व सउदी अरब आदि देशों से अरबों डालर नकद व अन्य मदद जुटाई थी। यह राशि सीआइए के सुइश बैंक खाते में रखी गई थी और अंतत: पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आइएसआइ) को प्राप्त हुई, जिसके तत्कालीन प्रमुख जनरल खान थे।
जिहादियों की फंडिंग
वर्ष 1980-85 तक जनरल खान सीआइए की नकदी अफगानी जिहादियों तक पहुंचाते रहे थे। एक जुलाई, 1985 को उनके तीनों बेटों के नाम क्रेडिट सुइश में खाता खोला गया था। वर्ष 2003 तक इस खाते में जमा राशि 37 लाख डालर हो गई थी। अकेले अकबर के नाम पर जनवरी 1986 में खोले गए दूसरे खाते में नवंबर 2010 तक 92 लाख डालर की राशि जमा थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति रीगन ने उठाए थे सवाल
दिलचस्प है कि वर्ष 1985 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने चिंता जताई थी कि मुजाहिदीन के लिए भेजी गई राशि कहां जा रही है। डान के अनुसार, जनरल खान के बेटों में से एक ने परियोजना प्रतिनिधि को बताया कि यह जानकारी सही नहीं है।
बैंक में दुनियाभर के 15 खुफिया अधिकारियों के खाते
ओसीसीआरपी के अनुसार, पता चला है कि क्रेडिट सुइश में दुनियाभर के 15 खुफिया अधिकारियों या उनके परिवार के सदस्यों के खाते हैं। इससे पहले वर्ष 2016 के पनामा पेपर्स, वर्ष 2017 के पैराडाइज पेपर्स और पिछले साल पेंडोरा पेपर्स लीक ने खलबली मचा दी थी।
क्रेडिट सुइश ने कुछ भी गलत करने से किया इन्कार
क्रेडिट सुइश ने रविवार को एक बयान में कहा, 'हम आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं। जिन खातों का जिक्र किया जा रहा है, उनमें से 90 प्रतिशत या तो बंद हो चुके हैं या बंद किए जाने की प्रक्रिया में हैं। 60 प्रतिशत बैंक खाते तो वर्ष 2015 से पहले बंद हो चुक हैं।'
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