'सुसाइड बॉम्बर्स तालिबान के हीरो', सिराजुद्दीन हक्कानी ने की तारीफ, 125 डॉलर और जमींन देने का किया ऐलान

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे और सत्ता हथियाने के बाद से हालात हर दिन बिगड़ते जा रहे हैं.

Update: 2021-10-20 02:24 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान (Afghanistan)में तालिबान (Taliban) के कब्जे और सत्ता हथियाने के बाद से हालात हर दिन बिगड़ते जा रहे हैं. तालिबान सरकार में गृहमंत्री बनाए गए खूंखार आतंकी सिराजुद्दीन हक्कानी (Sirajuddin Haqqani)ने अब सुसाइड बॉम्बर्स (Suicide Bombers)की तारीफ में कसीदे पढ़े. हक्कानी ने सुसाइड बॉम्बर्स को इस्लाम का हीरो बताया. साथ ही ऐसे आतंकियों के परिवारों को इनाम के तौर पर 125 अमेरिकी डॉलर और प्लॉट देने का ऐलान किया है.

अफगान स्टेट ब्रॉडकास्टर RTA की रिपोर्ट के मुताबिक, सिराजुद्दीन हक्कानी ने मंगलवार को काबुल में इन सुसाइड बॉम्बर्स के परिजनों से मुलाकात की. इसी मुलाकात के दौरान सिराजुद्दीन ने हमले में मारे गए लोगों को हीरो तक बता दिया. सिराजुद्दीन हक्कानी यूनाइटेड स्टेट की लिस्ट में एक आतंकवादी है और उसके सिर पर 10 मीलियन डॉलर का इनाम है.
तालिबान के आंतरिक मंत्रालय ने होटल में आत्मघाती हमलावरों के परिजनों से मिलते हुए सिराजुद्दीन हक्कानी की तस्वीरें जारी की है. सभी तस्वीरों में सिराजुद्दीन हक्कानी के चेहरे को ब्लर किया गया है. अपने भाषण के दौरान सिराजुद्दीन हक्कानी ने इन आत्मघाती हमलावरों के कथित जिहाद और बलिदान की तारीफ की.
हक्कानी नेटवर्क (Haqqani Network)सिराजुद्दीन हक्कानी के पिता जलालुद्दीन हक्कानी ने बनाया था. यह तालिबान का सबसे खतरनाक गुट है, जिसे पिछले दो दशकों के दौरान अफगानिस्तान में सबसे घातक हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है. इनमें ज्यादातर आत्मघाती हमले थे. यानी हमलावर ने खुद को बम से उड़ाकर लोगों को मारा था.
तालिबान ने 15 अगस्त को किया था काबुल पर कब्जा
बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्तान में इस साल 15 अगस्त को कब्जा कर लिया था. इसी दिन यहां की सरकार भी गिर गई. उसने बीते साल अमेरिका के साथ किए समझौते में वादा किया था कि एक समावेशी सरकार बनाई जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और तालिबान ने आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के साथ मिलकर सरकार बना ली.
काबुल में हक्कानी नेटवर्क का प्रभाव
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अपनी चाल चल रही है. हक्कानी नेटवर्क में जादरान जनजाति का प्रभुत्व है और इस जनजाति के लड़ाकों का काबुल-जलालाबाद से लेकर खैबर सीमा तक नियंत्रण है. हक्कानी ब्रदर्स के नेतृत्व में काबुल की सड़कों पर कम से कम 6,000 भारी हथियारों से लैस आतंकी गश्त लगा रहे हैं.


Tags:    

Similar News

-->