इस यूनिवर्सिटी में ऑफर किया गया ऐसा कोर्स, मच गया बवाल, शिक्षा मंत्री भी विरोध में कूदे
इंग्लैंड की डरहम यूनिवर्सिटी ने एक ऐसा कोर्स ऑफर किया है, जिस पर बवाल मच गया है. क
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इंग्लैंड की डरहम यूनिवर्सिटी (Durham University) ने एक ऐसा कोर्स ऑफर किया है, जिस पर बवाल मच गया है. कई संगठनों से लेकर शिक्षा मंत्री भी उसके खिलाफ हो गए हैं. दरअसल, यूनिवर्सिटी सेक्स इंडस्ट्री में काम करने वाले स्टूडेंट्स की सहायता के लिए स्पेशल ट्रेनिंग कोर्स शुरू करने जा रही है. इस कोर्स में सेक्स वर्कर के तौर पर काम करने वाले स्टूडेंट्स को सुरक्षित रहने के तरीके सिखाए जाएंगे. इस संबंध में सभी जानकारी विवि के छात्रों और कर्मचारियों को ईमेल की गई है.
शिक्षा मंत्री ने कही ये बात
'यूके में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री इस कोर्स के खिलाफ हैं. उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी अपने कोर्स के जरिये इस धंधे को वैध बनाने की कोशिश कर रही है. उधर, डरहम छात्र संघ इस कोर्स का प्रचार कर रहा है. उसने कई पोस्टर भी प्रिंट करवाए हैं. कोर्स को वेश्यावृत्ति उद्योग से जुड़ीं महिलाओं और स्टूडेंट्स की सहायता और मार्गदर्शन के लिए खासतौर पर डिजाइन किया गया है. सीधे शब्दों में कहें तो कोर्स में बताया जाएगा कि सेक्स इंडस्ट्री में सुरक्षित और सफल करियर कैसे बनाया जाए.
Students की सुरक्षा होगी प्रभावित
वहीं, दूसरी ओर इस अजीबोगरीब कोर्स का विरोध भी शुरू हो गया है. उच्च शिक्षा राज्य मंत्री मिशेल डोनेलन (Michelle Donelan) ने कोर्स को खतरनाक उद्योग को वैध बनाने वाला करार दिया है. उन्होंने कहा कि कोई भी विश्वविद्यालय जो ऐसा करता है वह छात्रों की सुरक्षा के अपने कर्तव्य में गंभीर रूप से विफल हो रहा है. शिक्षा मंत्री ने आगे कहा, 'यह सही है कि वेश्यावृत्ति में शोषित महिलाओं को समर्थन दिया जाना चाहिए, लेकिन यह कोर्स वेश्यावृत्ति को सामान्य बनाने का प्रयास करेगा, जो पूरी तरह गलत है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता'.
समर्थकों ने दिया ये तर्क
डरहम विश्वविद्यालय और छात्र संघ को दूसरे छात्रों से भी कई शिकायतें मिली हैं. इन शिकायतों में कहा गया है कि कोर्स शुरू करने से कुछ छात्रों और कर्मचारियों को लगेगा कि परिसर में वेश्यावृत्ति की जा रही है. हालांकि, स्पेशल ट्रेनिंग कोर्स का समर्थन करने वालों के अपने तर्क हैं. उन्हें लगता है कि सेक्स इंडस्ट्री में काम करने वालों को यह जानने का हक है कि वो कैसे सुरक्षित रहकर काम कर सकते हैं.