स्टडी में दावा : कोरोना वायरस का ओमीक्रोन स्वरूप पशुओं से मनुष्यों में फैला हो सकता है
वैश्विक स्वास्थ्य के लिए खतरा बना रहेगा।’’
वॉशिंगटन: एक अध्ययन रिपोर्ट की माने तो संभव है सार्स-सीओवी-2 (कोरोना) वायरस का ओमीक्रोन स्वरूप पशुओं से मनुष्यों में फैला हो सकता है। 'प्रोसिडिंग्स ऑफ नेशनल एकाडमी ऑफ साइंस' में प्रकाशित यह अध्ययन ओमीक्रोन की उत्पत्ति के संबंध में नया दृष्टिकोण पेश करता है। कोरोना वायरस संक्रमण में सबसे महत्वपूर्ण कदम है जब वायरस का स्पाइक प्रोटीन होस्ट (व्यक्ति या पशु) के रिसेप्टर से जुड़ता है। अनुसंधानकर्ताओं ने सार्स-सीओवी-2 के ओमीक्रोन स्वरूप की संरचना का विस्तृत विश्लेषण किया है।
उन्होंने पाया कि ओमीक्रोन स्पाइक प्रोटीन में तमाम ऐसे म्यूटेशन हैं जो सिर्फ चूहों के रिसेप्टर से मेल खाते हैं और उनसे मनुष्यों के रिसेप्टर पर असर नहीं होगा अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, यह दिखाता है कि ओमीक्रोन स्वरूप शायद सीधे-सीधे मनुष्यों में म्यूटेट नहीं हुआ होगा, और यह पशुओं में म्यूटेट होने के बाद मनुष्यों में फैला होगा। अध्ययन के मुख्य लेखक, अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ मिनिसोटा के फांग ली ने कहा, ''पशुओं की एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में संक्रमण के दौरान ओमीक्रोन के म्यूटेशन ने बेहद महत्वपूर्ण संकेत छोड़े हैं।''
अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस विभिन्न पशुओं की प्रजाति को संक्रमित करने में सक्षम है और यही कारण है कि उसके कई स्वरूप सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा, अध्ययन में सामने आए तथ्यों से यह भी पता चलता है कि भविष्य में कोरोना वायरस के नये स्वरूप को फैलने से के लिए चूहों पर नजर रखना जरूरी होगा। ली ने कहा, ''कोरोना वायरस संक्रमण का पशुओं से मनुष्यों में फैलना, वैश्विक स्वास्थ्य के लिए खतरा बना रहेगा।''