अध्ययन का दावा: मास्क की वजह बान सकते है एक्जिमा के शिकार, एलर्जी वाले लोगों को बरतनी होगी सावधानी

कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण से बचाव के लिए वर्तमान समय में मास्क को ही वैक्सीन माना जा रहा है,

Update: 2020-11-14 02:45 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| कोरोना वायरस (COVID-19) के संक्रमण से बचाव के लिए वर्तमान समय में मास्क को ही वैक्सीन माना जा रहा है, लेकिन लंबे समय तक मास्क पहने रहने के कई नुकसान भी हैं। एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि ज्यादा देर तक फेस मास्क पहनने से संवेदनशील त्वचा (स्किन) वाले लोग एक्जिमा से शिकार हो जाते हैं। इसमें खुजली के साथ-साथ त्वचा रुखी, दानेदार, पपड़ीदार और मोटी हो जाती है। यह एटोपिक डर्मटाइटिस का ही एक प्रकार है।

अमेरिकन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा और इम्यूनोलॉजी (एसीएएआइ) के विज्ञानियों द्वारा इस साल की वार्षिक वर्चुअल बैठक में पेश किए गए अध्ययन से पता चलता है कि त्वचा एलर्जी वाले लोगों लिए मास्क पहनना नुकसानदेह हो सकता है। इससे उनमें त्वचा संबंधी समस्याएं दोबारा उभरने लगती हैं।

इस अध्ययन के लेखक और एसीएएआइ के सदस्य यशु धमीजा ने कहा, 'कोरोना से पूर्व हमने कई लोगों के एक्जिमा का इलाज किया। इन्हें नाक की एलर्जी भी थी। कुछ समय बाद हमने उनकी बीमारी पर नियंत्रण पा लिया था। लेकिन कोरोना काल में मास्क पहनने से उनकी समस्याएं फिर उभर आईं। इतना ही नहीं एलर्जी अब उनके शरीर में उन जगहों पर भी फैल गई है जो हिस्से पहले ठीक थे।'

एसीएएआइ की एक अन्य सदस्य क्रिस्टीन श्मिटलिन ने कहा, 'यह बात सही है कि मास्क संक्रमण से बचता है, लेकिन हमारा अध्ययन बताता है कि त्वचा की एलर्जी वाले लोगों को इसके प्रयोग में सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर आपकी समस्याएं दोबारा उभर सकती हैं।'

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