बाल काले नहीं होने पर स्कूल ना आने की सख्त हिदायत, हर्जाने के लिए 3,30,000 येन का किया भुगतान

उगते हुए सूरज का देश जापान अपने संस्कृति, खान-पान से लेकर दुनियाभर में सबसे अधिक अनुशासनप्रिय माना जाता है।

Update: 2021-02-20 17:10 GMT

उगते हुए सूरज का देश जापान अपने संस्कृति, खान-पान से लेकर दुनियाभर में सबसे अधिक अनुशासनप्रिय माना जाता है। यहां के लोग नियम-कायदों को लेकर एकदम पक्का होते हैं। लेकिन यही नियम-कायदे वहां के एक स्कूल को भारी पड़ गए। स्कूल प्रशासन ने भूरे बालों वाली लड़की को सख्त हिदायत देते हुए कहा था कि अगर उसने बाल काले नहीं कराए, तो स्कूल आने की कोई जरूरत नहीं है।

दरअसल, यह मामला ओसाका के हैबीकिनो प्रांत का है। यहां कैफुकन प्रांतीय हाई स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा के भूरे बालों पर स्कूल प्रशासन को आपत्ति थी। लड़की के बाल प्राकृतिक रूप से भूरे थे, लेकिन स्कूल का मानना था कि उसने बालों को भूरा करवाया है, जो नियमों के सख्त खिलाफ है। स्कूल प्रशासन के द्वारा बार-बार हिदायत दिए जाने से तंग आकर छात्रा ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

पीड़िता को स्कूल प्रशासन ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि जब तक वह अपने बालों को काला नहीं करती उसे स्कूल आने की कोई जरूरत नहीं है। यह मामला साल 2015 का है और उस समय लड़की की उम्र 15 साल थी। स्कूल प्रशासन के प्रताड़ना से परेशान होकर साल 2017 में लड़की ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
हालांकि, अदालत का फैसला आने में चार साल लग गए और लड़की की उम्र 21 साल हो गई है। अदालत ने राहत देते हुए आदेश दिया कि लड़की को हर्जाने के तौर पर 3,30,000 येन (करीब 2.27 लाख रु.) का भुगतान किया जाए। कोर्ट ने कहा कि भले ही स्कूल के नियम सही है, लेकिन इससे एक स्टूडेंट को मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा, जिससे उसकी शिक्षा प्रभावित हुई।

जापान में स्कूली छात्रों को बाल रंगने से है मनाही
जापान के स्कूलों में नियम काफी सख्त हैं। नियमों के मुताबिक, छात्रों को बालों पर कलर कराना, उन पर ब्लीच का इस्तेमाल करना मना है। स्कूलों का तर्क है कि ऐसे नियम इसलिए बनाए गए हैं ताकि बच्चे केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें।



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