श्रीलंका जाफना से भारत के लिए अगले महीने उड़ानें करेगा बहाल
श्रीलंका न्यूज
श्रीलंका के उड्डयन मंत्री निमल सिरिपाला डी सिल्वा ने कहा है कि अगले महीने से उत्तरी जाफना प्रायद्वीप से भारत के लिए उड़ानें बहाल की जाएंगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस कदम से देश के पर्यटन उद्योग को बल मिलेगा और आर्थिक संकट कम होने में मदद मिलेगी। श्रीलंका पर्यटन विकास प्राधिकरण इस वर्ष के शेष महीनों के दौरान आठ लाख से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना बना रहा है।
हवाईअड्डे का निरीक्षण करने के बाद निमल ने शनिवार को कहा, 'उत्तरी जाफना प्रायद्वीप का पालाल्य हवाईअड्डा अगले महीने से भारत के लिए उड़ान बहाल करेगा।' हालांकि उन्होंने इसकी तारीख नहीं बताई है। मंत्री ने कहा कि वर्तमान रनवे केवल 75 सीटर विमानों के लिए ही उपयुक्त है। इसके विस्तार की आवश्यकता है। उन्होंने रनवे सुधारने में भारत से मदद की उम्मीद जताई।
अक्टूबर 2019 में हवाईअड्डे का नाम जाफना अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा दिया गया था। तब चेन्नई से पहला अंतरराष्ट्रीय विमान यहां लैंड हुआ था। इसी वर्ष भारत की मदद से हवाईअड्डे का पुनर्विकास किया गया था। भारत की अलायंस एयर हर हफ्ते चेन्नई से पालाल्य तक तीन उड़ानों का संचालित करती थी। नवंबर 2019 में सरकार बदलने के बाद विमानों का संचालन रोक दिया गया था।
वहीं दूसरी तरफ श्रीलंका ने कच्चा तेल खरीदने के लिए कई रूसी कंपनियों से संपर्क किया है। ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकरा ने रविवार को बताया कि कोलंबो स्थित रूसी दूतावास के सुझाव पर यह कदम उठाया गया है। कर्ज से दबा द्वीपीय राष्ट्र अपने तेलशोधक कारखाने को चालू रखने के लिए क्रेडिट पर तेल लेने का प्रयास कर रहा है। अधिकारियों ने कहा है कि श्रीलंका दुबई स्थित कोरल एनर्जी से अंतरराष्ट्रीय बाजार में साइबेरियाई कच्चे तेल की एक खेप खरीद चुका है। श्रीलंका का एकमात्र तेलशोधक इसी खेप से चल रहा है।