आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका, अब होगी IMF के साथ चर्चा, जानें कैसे चीन के 'कर्ज जाल' में फंसा

श्रीलंका में आर्थिक संकट बढ़ता ही जा रहा है, इस वजह से सरकार की चिंताएं बढ़ने लगी हैं.

Update: 2022-03-12 04:54 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। श्रीलंका (Sri Lanka) में आर्थिक संकट बढ़ता ही जा रहा है, इस वजह से सरकार की चिंताएं बढ़ने लगी हैं. ऐसे में वह अगले महीने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ बातचीत शुरू करेगा. समाचार एजेंसी रॉयटर्स को तीन सूत्रों ने बताया कि बढ़ते कर्ज के बीच विदेशी मुद्रा की आवाजाही भी रुकी है, जिसके चलते आयात कम हो गया है. श्रीलंका अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है. विदेशी भंडार मात्र 2.31 अरब डॉलर है. श्रीलंका को गैस, भोजन और दवाओं सहित जरूरी सामान का भुगतान करने में कठिनाई हो रही है. उसकी हालत के पीछे कहीं न कहीं चीन की कर्ज नीति है, जिसके जाल में फंसकर श्रीलंका की ये हालत हुई है.

यहां गौर करने वाली बात ये है कि श्रीलंका की सरकार और केंद्रीय बैंक ने महीनों तक IMF से मदद लेने को लेकर विरोध जताया था. हालांकि, विपक्ष के नेताओं और सलाहकारों की तरफ से लगातार राहत पैकेज की मांग की जा रही थी. मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने कहा कि IMF के वरिष्ठ अधिकारियों को श्रीलंका का प्रस्ताव पेश करने के लिए वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे अप्रैल के मध्य में वाशिंगटन जाएंगे. एक सूत्र ने बताया, 'हम अपना प्रस्ताव और एक योजना ला रहे हैं. सरकार वर्तमान हालात को ठीक करने को लेकर गंभीर है.' हालांकि, उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी, क्योंकि ये चर्चा काफी गुप्त है.
चीन से श्रीलंका ने लिया कर्ज
सेंट्रल बैंक के गवर्नर अजित निवार्ड काबराल ने कहा कि IMF के साथ आगामी वार्ता का मकसद श्रीलंका के कर्ज का पुनर्गठन नहीं करना है. 2007 से बार-बार उधार लेने की वजह से श्रीलंका ने अंतरराष्ट्रीय संप्रभु बांड (ISB) के जरिए 12.55 बिलियन डॉलर का कर्ज ले लिया. श्रीलंका को इस साल चार बिलियन डॉलर का कर्ज चुकाना है, जिसमें ISB का एक बिलियन डॉलर ऐसा कर्ज है, जो जुलाई में मैच्योर हो रहा है. इसके अलावा, चीन से भी बड़ी मात्रा में कर्ज लिया गया है. चीन के कर्ज के सहारे ही श्रीलंका ने कई बार अपने कर्जों का भुगतान किया है. इस वजह से अब वह चीन के कर्जजाल में भी फंस चुका है.
चीन के कर्जजाल में कैसे फंसा श्रीलंका?
श्रीलंका में कोरोना से पहले ही आर्थिक हालात खराब थे. सरकार के फैसलों ने भी श्रीलंका की परेशानियों को बढ़ा दिया. लेकिन श्रीलंका के इन हालात के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार चीन से लिया हुआ कर्ज है. रिपोर्ट की मानें तो चीन ने श्रीलंका को 4.6 अरब डॉलर का कर्ज दिया हुआ है. दूसरी ओर सरकार ने घोषणा कर दी कि श्रीलंका पूरी तरह से ऑर्गेनिक खेती करके ऑर्गेनिक फसलें पैदा करेगा. इस घोषणा के बाद श्रीलंका में कीटनाशकों और उरवर्क पर रोक लग गई ऊपर से चीन से घटिया ऑर्गेनिक खाद उठा लाया.
इसके बाद फसलों को कीड़े खाने लगे और उरवर्क की कमी की वजह से उत्पादन बहुत ज्यादा कम हो गया, ऊपर से श्रीलंका ने विदेशों से पाम ऑयल आयात पर भी रोक लगा दी. इसका असर यह हुआ कि श्रीलंका अपनी जरूरत के लायक भी फसल उत्पादन नहीं कर पाया. ऊपर से विदेशों से पाम ऑयल आयात पर रोक लग चुकी थी. इस वजह से रोजमर्रा के इस्तेमाल के सामान की सप्लाई घटी और महंगाई आसमान पर पहुंच गई. हालांकि श्रीलंका की सरकार महंगाई के लिए जमाखोरी को ही जिम्मेदार मानती रही.
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