आइएमएफ से दिवालिया देश के रूप बातचीत कर रहा श्रीलंका: PM रानिल विक्रमसिंघे

Update: 2022-07-05 13:29 GMT
कोलंबो, एएनआइ। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि आर्थिक संकट से उबरने के लिए बेलआउट पैकेज को लेकर आइएमएफ के साथ श्रीलंका एक दिवालिया देश के रूप में बातचीत कर रहा है। उन्होंने संसद में मंगलवार को आर्थिक सुधार योजना पर बोलते हुए जानकारी दी कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के साथ पहले दौर की बातचीत सफल रही है। पीएम विक्रमसिंघे ने संसद में कहा कि देश ने पहले भी विभिन्न अवसरों पर आइएमएफ से बातचीत की है। लेकिन इस समय की परिस्थिति पहले से भिन्न है। हम एक दिवालिया देश के रूप में उसके साथ बातचीत आगे बढ़ा रहे हैं।
श्रीलंका इस समय भयंकर विदेशी मुद्रा के संकट से जूझ रहा है। उस पर कुल 51 अरब डालर का कर्ज हो चुका है। वह इस साल अप्रैल में सात अरब डालर के कर्ज के भुगतान में असमर्थता जता चुका है। आइएएनएस एजेंसी के अनुसार, श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्विक संकट के बीच भारत की भी कर्ज देने की एक सीमा है।
आपको बता दें कि श्रीलंका में भोजन, दवा और रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी किल्लत है। हाल में ही प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने कहा था कि भारत से मिल रही वित्तीय सहायता धर्मार्थ दान नहीं बल्कि ऋण है और इसे चुकाने की योजना होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत से चार अरब अमेरिकी डालर का कर्ज लिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमने भारत से और अधिक ऋण देने का अनुरोध किया है, लेकिन वह भी इस तरह लगातार हमारा साथ नहीं दे पाएगा। उसकी भी अपनी सीमाएं हैं।'
वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कुछ दिनों पहले आइएमएफ से एक बार वार्ता पूरी हो जाने के बाद आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में अमेरिकी निवेश को बढ़ावा देने को लेकर आश्वस्त किया था।
श्रीलंका 1948 में आजादी के बाद से अब तक के सबसे बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है। श्रीलंका और आइएमएफ के बीच बीते 18 अप्रैल को वार्ता शुरू हुई थी।

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