नई दिल्ली: श्रीलंका में आर्थिक संकट (Sri Lanka Economic Crisis) दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है. अब संकट में फंसे देश ने मंगलवार को ऐलान किया कि वह कुछ समय के लिए दूसरे देशों के 5,100 करोड़ डॉलर का कर्ज नहीं चुका पाएगा. इसकी वजह ये है कि देश को इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से बेलआउट पैकेज नहीं मिल पाया है. श्रीलंका के ट्रेजरी सेक्रेटरी महिंद्रा सिरीवर्दने ने मंगलवार को यह ऐलान किया.
श्रीलंका के वित्त मंत्रालय ने दूसरे देशों की सरकारों और अन्य क्रेडिटर्स से कहा कि मंगलवार के बाद जो भी ब्याज बकाया है, उसके भुगतान के लिए या तो इंतजार करना होगा या फिर श्रीलंकाई रुपये में पेमेंट एक्सेप्ट करना होगा.
श्रीलंका की सरकार ने कहा है कि आईएमएफ से बेलआउट पैकेज को लेकर बातचीत जारी रहेगी. सरकार ने दूसरे देशों से भी द्विपक्षीय सहयोग की उम्मीद जताई है. श्रीलंका के सेंट्रल बैंक के नए गवर्नर नंदलाल वीरसिंघे ने कहा कि अभी मौजूद कैपिटल का इस्तेमाल जरूरी सामानों के इम्पोर्ट के लिए किया जाएगा.
श्रीलंका का कुल एक्सटर्नल डेट (दूसरे देशों का कर्ज) 5,100 करोड़ डॉलर का है. पिछले साल देश पर कुल कर्ज 3,500 करोड़ डॉलर का था. इस तरह एक साल में देश का कर्ज 1,600 करोड़ डॉलर तक बढ़ गया.
श्रीलंका ने अपने कुल कर्ज का 47 फीसदी डेट बाजार से लिया है. वहीं, देश के कुल लोन में चीन का कर्ज 15 फीसदी के आसपास है. देश पर एशियन डेवलेपमेंट बैंक का 13 फीसदी, वर्ल्ड बैंक का 10 फीसदी, जापान का 10 फीसदी और भारत का 2 फीसदी कर्ज है.