श्रीलंका: प्रदर्शनकारियों पर संयम बरतने की अपील, ईंधन के लिए कतार में खड़े दो और लोगों की मौत
कोलंबो, एजेंसी। आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में हालात बदतर हो गए हैं। शुक्रवार को ईंधन खरीदने के लिए कतार में खड़े दो और लोगों की मौत हो गई। श्रीलंका में ईंधन की किल्लत और बढ़ती महंगाई से लोग बेहाल हैं। कतार में लगे दो लोगों की मौत उस दिन सामने आई जब नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने दिनेश गुणवर्धने को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया। साथ ही सुरक्षा बलों की कार्रवाई में राष्ट्रपति भवन और अन्य इमारतों को प्रदर्शनकारियों से खाली करा लिया गया।
श्रीलंका में शुक्रवार तड़के सुरक्षा बलों की कार्रवाई में राष्ट्रपति भवन और अन्य इमारतों को प्रदर्शनकारियों से खाली करा लिया गया। इसी के साथ प्रदर्शनकारियों के शिविरों को ध्वस्त करते हुए उन्हें खदेड़ दिया गया। कार्रवाई में 50 लोग घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारी करीब दो हफ्ते से राष्ट्रपति भवन पर कब्जा किए हुए थे। विरोध प्रदर्शनों की तीव्रता के चलते राष्ट्रपति रहे गोटाबाया राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा था, बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
गुरुवार को संसद द्वारा निर्वाचित राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के शपथ लेने के 24 घंटे के भीतर सुरक्षा बलों ने कार्रवाई की है। शुक्रवार को ही विक्रमसिंघे द्वारा नियुक्त प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्द्धना (73) ने कार्यभार संभाला। गुणवर्द्धना अनुभवी राजनीतिक नेता हैं और उन्हें राजपक्षे परिवार का करीबी माना जाता है। गुणवर्द्धना पूर्व में विदेश मंत्री और शिक्षा मंत्री के पद संभाल चुके हैं।
देश की आर्थिक बदहाली के विरोध में अप्रैल से प्रदर्शन कर रहे नागरिकों के खिलाफ सुरक्षा बलों की यह पहली कड़ी कार्रवाई है। इसमें असाल्ट राइफलों और दंगा निरोधी उपकरणों से लैस शिविर बनाकर हफ्तों से धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की। राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास और राष्ट्रीय सचिवालय को घेरे बैठे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। कार्रवाई में दर्जनों लोगों के घायल होने की खबर है। नौ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है।
सरकार विरोधी प्रदर्शन के आयोजक चामीरा डेडुवागे ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति भवन और सचिवालय शुक्रवार दोपहर तक खाली करने का वादा किया था, बावजूद इसके कार्रवाई की गई। देश के छह बार प्रधानमंत्री रहे विक्रमसिंघे के राष्ट्रपति पद संभालने के तत्काल बाद यह कार्रवाई हुई है। कार्रवाई के आसार तभी बन गए थे जब विक्रमसिंघे ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में देश में आपातस्थिति की घोषणा की थी।
सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई के बाद संयुक्त राष्ट्र और पश्चिमी देशों के राजदूतों ने श्रीलंका सरकार से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ संयम बरतने की अपील की है। इस तरह की कार्रवाई से स्थिति बिगड़ने की आशंका जताई है।
संयम की अपेक्षा तब की गई है जब श्रीलंका के विदेशी मुद्रा भंडार में आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए डालर खत्म होने को हैं और सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद की अपील कर रही है। श्रीलंका में अमेरिका की राजदूत जूली चुंग ने ट्वीट कर श्रीलंका के अधिकारियों से संयम बरतने का अनुरोध किया है और उन प्रदर्शनकारियों को चिकित्सा देने की अपील की है जो कार्रवाई में घायल हो गए हैं।
शुक्रवार को प्रधानमंत्री गुणवर्द्धना के साथ 17 मंत्रियों ने पदभार ग्रहण किया। पूर्व वित्त मंत्री अली साबरी को विदेश मंत्री बनाया गया है। जबकि वित्त मंत्रालय राष्ट्रपति विक्रमसिंघे द्वारा अपने पास रखे जाने की खबर है।समाचार पोर्टल 'लंका फर्स्ट' के अनुसार, 59 वर्षीय व्यक्ति अपनी मोटरसाइकिल को श्रीलंका के पूर्वी प्रांत में स्थित किनिया में एक पेट्रोल पंप के पास दो रात से अधिक समय से छोड़कर जा रहा था, शुक्रवार को गिर गया।