राइजिंग स्टार केव में मिली ढाई लाख साल पुराने बच्चे की खोपड़ी, वैज्ञानिकों ने बताया- प्राचीन मानव की संतान

इन अवशेषों को केवल पांच इंच चौड़ा और 31 इंच लंबें रास्ते पर खोजा गया है।

Update: 2021-11-06 03:17 GMT

दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आज से ढाई लाख साल पुराने बच्चे की खोपड़ी को खोजा गया है। यह छोटी खोपड़ी होमो नलेडिया बच्चे का अब तक का पहला सबूत है। यह खोपड़ी जोहान्सबर्ग में राइजिंग स्टार गुफा से काफी दूरी पर गहराई में मिली है। इस खोज को जोहान्सबर्ग की यूनिवर्सिटी ऑफ विटवाटरसैंड के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं की एक टीम ने अंजाम दिया है।

ढाई लाख साल पुराने बच्चे की खोपड़ी
खोजकर्ताओं को बच्चे की खोपड़ी के कुछ हिस्से और दांत मिली है। उन्होंने इस खोपड़ी को 'लेटी' नाम दिया है। खोजकर्ताओं का कहना है कि मौत के समय इस बच्चे की उम्र चार से छह साल के बीच थी। आज से लगभग 250000 साल पहले इस बच्चे की मौत हुई थी। हालांकि, खोजकर्ता अभी तक इस बच्चे के लिंग का निर्धारण नहीं कर पाए हैं।
प्राचीन मानव थे होमो नलेडिया
होमो नलेडिया पुरातन मानव की एक प्रजाति थी। यह प्रजाति लगभग 335,000 से 236,000 साल पहले मध्य प्लेइस्टोसिन के दौरान अफ्रीका में रहती थी। इस प्रजाति के लोगों में मानव और गैर-मानवीय लक्षण दोनों पाए जाते थे। इस प्रजाति के वयस्कों के अवशेष पहले राइजिंग स्टार केव सिस्टम में पाए गए हैं, लेकिन इस बच्चे यानी लेटी की खोज पहली बार की गई है। इस खोज के होमो नलेडिया मानव सभ्यता की ग्रोथ और डेवलपमेंट के बारे में जानकारी मिल सकती है।
28 टुकड़ों में मिली खोपड़ी
बच्चे की यह खोपड़ी कई टुकड़ों में मिली थी। वैज्ञानिकों ने बड़ी मेहनत के बाद उन टुकड़ों को आपस में जोड़कर एक खोपड़ी का रूप दिया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हो सकता है कि इस बच्चे के मृत शरीर को किसी विशेष उद्देश्य से वहां रखा गया था या फिर वह किसी धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा हो सकता है। इस आंशिक खोपड़ी में 28 टुकड़े और छह दांत मिले हैं।
खोज को लेकर वैज्ञानिक भी हैरान
टीम का नेतृत्व करने वाले जोहान्सबर्ग में यूनिवर्सिटी ऑफ विटवाटरसैंड के प्रोफेसर गाइ बर्जर ने कहा कि यह खोज इस रहस्य को गहरा रही है कि बच्चे की खोपड़ी राइजिंग स्टार केव सिस्टम से इतनी दूर अंधेरे और सुनसान इलाके में कैसे आई। लेटी नाम का अर्थ सवाना में खोया हुआ है, क्योंकि इस खोपड़ी को बिना धड़ के पाया गया है। इन अवशेषों को केवल पांच इंच चौड़ा और 31 इंच लंबें रास्ते पर खोजा गया है।
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