अफगानिस्तान में भुखमरी जैसे हालात, लोगों के लिए पेट भरना भी हुआ मुश्किल, तालिबान स्थिति को संभालने में नाकाम
तालिबानी राज में अफगानिस्तान के लोगों की परेशानी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है.
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फाइल फोटो
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तालिबानी राज में अफगानिस्तान (Afghanistan) के लोगों की परेशानी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. हालात ये हो चले हैं कि लोगों के लिए पेट भरना तक मुश्किल हो गया है. खासतौर पर अल्पसंख्यक समुदाय और अनाथ बच्चों (Orphan Children) की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है. हाल ही में कम से कम आठ बच्चों की भूख से मौत की खबर सामने आई है. बच्चे पश्चिमी काबुल के एतेफाक शहर के बताए जा रहे हैं.
छोटे-मोटे काम करते थे बच्चे
तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जा किया था. इसके बाद से मुल्क में भुखमरी जैसे हालात बने हुए हैं. भूख से मरने वाले बच्चे अनाथ थे और तालिबान के सत्ता में आने के बाद से उनकी आय बंद हो गई थी. ये बच्चे छोटे-मोटे काम करके अपनी जिंदगी चला रहे थे, लेकिन तालिबानी शासन में उनके पास कोई काम नहीं बचा था.
Neighbours देते थे बच्चों को खाना
पश्चिमी काबुल की मस्जिद से जुड़े मोहम्मद अली बामियानी (Mohammad Ali Bamiani) ने इन बच्चों को दफनाया. उन्होंने बताया कि इन आठ बच्चों, चार लड़कों और चार लड़कियों को पहले पड़ोसियों द्वारा खाना दिया जाता था, लेकिन वो उनके लिए पर्याप्त नहीं थी. खाना नहीं मिलने की वजह से उनकी हालात लगातार खराब हो रही थी और इसी वजह से उन्होंने दम तोड़ दिया.
मां-बाप की पहले हो गई थी मौत
बामियानी ने बताया कि जब पड़ोसी बच्चों को सुबह की चाय देने गया, तो उसने सभी को मृत पाया. इन बच्चों के पिता का हाल ही में निधन हो गया था. पिता की मौत के कुछ ही दिन बाद बच्चों की मां भी दुनिया छोड़कर चली गई थी. इस वजह से वो बेहद अकेले हो गए थे. गरीबी के चलते बच्चों के पिता और मां को इलाज नहीं मिल सका था.
'अफगान संकट पर ध्यान दे दुनिया'
वहीं, अफगानिस्तान की पीपुल्स इस्लामिक यूनिटी पार्टी के नेता मोहम्मद मोहकिक (Mohammad Mohaqiq) ने दुनिया से अफगान संकट की तरफ ध्यान देने की अपील की है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आठ बच्चों की भूख से मौत की घटना सुर्खियों में इसलिए नहीं आई, क्योंकि वो अल्पसंख्यक समुदाय के थे. मोहकिक ने कहा कि अफगानिस्तान में हालात बदतर हो रहे हैं, दुनिया को इस पर ध्यान देना चाहिए.