लाकडाउन से मिली शंघाई को राहत, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लिया गया कदम

अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लिया गया कदम

Update: 2022-04-29 10:25 GMT
शंघाई (रायटर)। कोरोना के कड़े प्रतिबंधों के बीच अब एक बार फिर शंघाई में आम नागरिकों को ढील दी जा रही है। शंघाई की लगभग आधी आबादी कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अपने घरों में रहने को मजबूर थी। चीन के वित्तीय केंद्र माने जाने वाली शंघाई की आधी आबादी जो कम से कम एक करोड़ 20 लाख के करीब है अब वो आबादी कोरोना के कम खतरे वाले क्षेत्रों में है। चीन सरकार द्वारा शंघाई के इन लोगों को कोरोना के कड़े प्रतिबंधों से छूट मिल गयी है। इन्हें अब अपने घरों से बाहर निकलने की अनुमति मिल गयी है। बता दें कि यह कदम तब लिया गया है जब चीन आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है क्योंकि कोरोना की वजह से लगे कड़े प्रतिबंध के कारण चीन और शंघाई में बड़े स्तर पर खाद्य आपूर्ति बाधित हुई और व्यापार को भी बहुत नुकसान उठाना पड़ा है।
लाकडाउन से मिली शंघाई को राहत
कोरोना ने चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई को पिछले महीने की शुरुआत में ही लाकडाउन में डाल दिया था और पूरे शहर को कड़े प्रतिबंध का सामना करना पड़ा था। हालांकि अब आवासीय क्षेत्रों पर कुछ प्रतिबंधों को सावधानीपूर्वक हटा दिया गया है क्योंकि पिछले दो सप्ताह से शहर में कोई भी सकारात्मक मामले (positive case) सामने नहीं आये हैं इसलिए यह कदम उठाया गया है।
प्रतिबंध हटाने की शर्त
शहर में प्रतिबंध एकसाथ नहीं हटाए गए है बल्कि कई शर्तों के साथ कुछ इलाकों में नियमों में ढील दी गयी है। जिसमें शहर के प्रत्येक आवास इकाई को खतरे के तीन स्तरों के अनुसार बांटा गया है और उन्हीं लोगों को बाहर जाने की अनुमति मिली है जिन लोगों ने 'रोकथाम क्षेत्र' (prevention zones) में रह रहे हैं और उन्होंने वहां पिछले 14 दिनों से कोई भी कोरोना के सकारात्मक मामला (positive case) नहीं देखा है। ऐसे लोगों को ही विशेष काम के लिए बाहर जाने की अनुमति मिली है।
वहीं उन निवासियों को भी छूट मिली है जो कम खतरे वाले क्षेत्र में थे वह अब अपने अपार्टमेंट्स को छोड़ कर बाहर निकल सकते हैं लेकिन देखा गया कि अनुमति मिलने के बाद भी वह सभी लोग अपने परिसरों तक ही सीमित हैं।
कोरोना प्रतिबंध में ढील से होगी चीन की आर्थिक मंदी दूर
चीन अब अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए नीतिगत समर्थन को बढ़ाएगा। जिसमें उसके उलझे हुए इंटरनेट प्लेटफॉर्म शामिल हैं क्योंकि घरेलू कोरोना का प्रकोप और यूक्रेन युद्ध से चीन में इसका जोखिम बढ़ता है। वहीं सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा- शुक्रवार को बाजार उठा है। वहीं चीनी नीति निर्माताओं को इस आर्थिक मंदी को जोकि कोरोना को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंध के कारण हुआ है, इसको दूर करने के लिए एक कठिन लड़ाई का सामना करना पड़ेगा। चीन के लिए राजनीतिक रूप से यह वर्ष काफी चुनौतीपूर्ण रहेगा क्योंकि कोरोना लाकडाउन की वजह से कई नौकरियां गयीं हैं और कई तरह के आर्थिक गतिविधि बाधित हुए हैं और व्यवसायों को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है।
प्रभावित उद्योगों को चीन देगा राहत पैकेज
राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अध्यक्षता में पोलित ब्यूरो की बैठक के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि चीन कोरोना प्रभावित उद्योगों और छोटी फर्मों की मदद के लिए नीतियों का एक पैकेज अपनाएगा ताकि सभी छोटे उद्योग फिरसे पटरी पर आ सके।
आधिकारिक सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, कोरोना और यूक्रेन संकट के परिणामस्वरूप, जोखिम और चुनौतियाँ बढ़ गई हैं। पोलित ब्यूरो ने कहा, 'चीन के आर्थिक विकास के माहौल में सुधार हो रहा है, विकास, रोजगार और कीमतों को स्थिर करना हमारी नई चुनौतियों में से एक है।'
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने कहा, 'आर्थिक कार्यों में अच्छा काम करना और लोगों की आजीविका को प्रभावी ढंग से बचाना और सुधारना बहुत महत्वपूर्ण है।'
आपको बता दें कि कोरोनावायरस पहली बार 2019 के अंत में चीन के शहर वुहान में उभरा और अगले दो वर्षों तक अधिकारियों ने लाकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों के साथ बड़े पैमाने पर प्रकोप को नियंत्रण में रखने में कामयाबी हासिल की। लेकिन इस साल तेजी से फैल रहे ओमाइक्रोन संस्करण ने चीन की 'शून्य-कोविड' नीति (zero covid policy) का परीक्षण किया है।
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