सेक्स गुलाम! इस देश के सैनिक रोज करते थे महिलाओं का रेप, अब कोर्ट ने सुनाया ये फैसला

पीड़ित महिलाओं ने 2013 में कोर्ट में याचिका दायर की थी.

Update: 2021-01-11 03:02 GMT

साउथ कोरिया की एक अदालत ने उन महिलाओं के हक में कई दशक बाद फैसला सुनाया है जिनके साथ जापानी सैनिक दूसरे विश्व युद्ध के वक्त रोज रेप किया करते थे. साउथ कोरिया की राजधानी सियोल की केंद्रीय जिला अदालत ने शुक्रवार को दिए फैसले में कहा कि 12 पीड़ित महिलाओं को 66-66 लाख रुपये जापान की ओर से दिए जाएं. 

दूसरे विश्व युद्ध के वक्त जापानी सैनिकों ने साउथ कोरिया की महिलाओं को सेक्स गुलाम बना लिया था. इन महिलाओं को 'comfort women' नाम दिया गया था. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, एक दिन में अधिकतम 50 जापानी सैनिक इन महिलाओं का रेप और यौन शोषण करते थे.
कई पीड़ित महिलाओं को यौन संचारित बीमारी हो गई थी, जबकि कई महिलाएं अनचाहे तौर से प्रेग्नेंट भी हो गई थीं. कोर्ट ने फैसले में कहा कि इन महिलाओं को सेक्स गुलाम बनाना, इंसानियत के खिलाफ किया गया अपराध था. पीड़ित महिलाओं ने 2013 में कोर्ट में याचिका दायर की थी.
जापान ने कोर्ट के फैसले का विरोध किया है. जापान का कहना है कि युद्ध के हर्जाने के मुद्दे को 1965 के एक समझौते में सुलाझाया जा चुका है. लेकिन कोर्ट का कहना है कि 1910 से 1945 के बीच जापान ने गैरकानूनी रूप से कोरियाई क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था और इसी दौरान महिलाओं को सेक्स गुलाम बनाया गया था. इसलिए स्वायत्त देश होने के बावजूद जापान मुकदमे से नहीं बच सकता.
सेक्स गुलाम बनाई गईं साउथ कोरिया की करीब 240 महिलाओं ने सरकार के साथ रजिस्ट्रेशन कराया था. हालांकि, अब इनमें से सिर्फ 16 जीवित हैं. वहीं, जिन 12 महिलाओं ने मुकदमा दायर किया था, उनमें से भी आठ की मौत हो चुकी है. वहीं, 20 महिलाओं ने जापान के खिलाफ एक अलग मुकदमा दायर किया है जिसका फैसला अगले हफ्ते आ सकता है. हालांकि, जानकारों का कहना है कि इसकी संभावना कम है कि जापान साउथ कोरिया की अदालत के फैसले को स्वीकार करेगा. 


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