गुपचुप तरीके से CIA निदेशक ने किया इस्लामाबाद का दौरा, पाकिस्तान का एयरबेस देने से इनकार

अमेरिकी सैनिकों की 11 सितंबर को अफगानिस्तान से वापसी हो रही है

Update: 2021-06-09 13:03 GMT

अमेरिकी सैनिकों की 11 सितंबर को अफगानिस्तान से वापसी हो रही है. ऐसे में अमेरिका पाकिस्तान की सीमा पर बेस बनाना चाहता, ताकि तालिबान और अलकायदा पर नजर रखी जा सके. लेकिन पाकिस्तान इस बारे में कुछ साफ नहीं कह रहा है. अब खबर आई है कि पाकिस्तान के अधिकारियों ने निजी तौर पर इस बात की पुष्टि करना शुरू कर दिया है कि सीआईए (Central Intelligence Agency) के निदेशक विलियम बर्न्स ने गुपचुप तरीके से इस्लामाबाद का दौरा किया है. अधिकारियों ने कहा है कि इनकी ओर से साफ कहा गया है कि पाकिस्तान अपने क्षेत्र में ड्रोन बेस स्थापित नहीं करने देगा.

इससे पहले 6 जून को न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने एक लेख में कहा था कि खुफिया एजेंसी सीआईए के निदेश बर्न्स ने सैन्य प्रमुख कमर दावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) और आईएसआई (पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद के साथ बैठक करने के लिए पाकिस्तान का दौरा किया है. ये दौरा दोनों पक्षों के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग की संभावना को लेकर बात करने के लिए किया गया है. अमेरिका चाहता है कि वह पाकिस्तान में बेस स्थापित कर वहीं से आतंकियों के ठिकानों पर हमले कर सके, लेकिन पाकिस्तान उसे बेस देने के मूड में नहीं है.
जेक सुलिवान ने क्या कहा?
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान (Jake Sullivan) से जब इस संबंध में सवाल पूछा गया कि क्या अमेरिका ने पाकिस्तान में ड्रोन बेस स्थापित करने की मांग की है, तो उन्होंने कहा, 'इस संबंध में पाकिस्तान के साथ सैन्य, खुफिया और राजनायिक स्तर पर बातचीत की जा रही है. ताकि भविष्य में अमेरिका की क्षमताओं को लेकर ये सुनिश्चित किया जा सके कि अफगानिस्तान (Afghanistan) दोबारा अल कायदा (Al Qaeda) या किसी अन्य आतंकी संगठन का ठिकाना ना बन जाए, जो अमेरिका पर हमला कर सकते हैं.'
पाकिस्तान देना चाहता है बेस?
हालांकि सीआईए के निदेश किस तारीख को और कितने बजे पाकिस्तान पहुंचे थे, इस बात की जानकारी अभी सामने नहीं आई है. दोनों ही ओर से इस मामले में कुछ भी नहीं कहा गया है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि ये दौरा अप्रैल के आखिर में हुआ था. चूंकी अब पाकिस्तान के अधिकारियों ने इस मामले में जानकारी देना शुरू कर दिया है, तो इससे ये कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिका और पाकिस्तान (US Pakistan Relations) के बीच अब भी बातचीत जारी है. न्यूयॉर्क टाइम्स के लेख में ये भी कहा गया है कि पाकिस्तान बेस तो देना चाहता है लेकिन उसकी कुछ कड़ी शर्ते हैं.


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