समय से पहले जमा सागर, फंसे 18 मालवाहक जहाज, सांसे अटकीं तो ये देश बना मददगार
दुनियाभर का निर्यात समुद्री रास्तों से होने वाले व्यापार पर निर्भर है. इस दौरान जरा सी भी रुकावट करोड़ों-अरबों के नुकसान का सबब बन जाती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनियाभर का निर्यात समुद्री रास्तों (Sea Routes) से होने वाले व्यापार (Trade) पर निर्भर है. इस दौरान जरा सी भी रुकावट करोड़ों-अरबों के नुकसान का सबब बन जाती है. इस बीच रूस (Russia) के नजदीक 18 मालवाहक जहाज (Ship) फंसने के बाद कैसे हालात हैं, आइए आपको बताते हैं.
समय से पहले जमा सागर
रूस के तट के पास आर्कटिक सागर के अप्रत्याशित रूप से समय से पहले जम जाने के कारण वहां करीब 18 मालवाहक जहाज (कंटेनर) फंस गए हैं.
मास्को से भेजी गई मदद
ज्यादातक जहाज लाप्टेव सागर और पूर्वी साइबेरियाई सागरों में 30 सेंटीमीटर मोटी बर्फ बनने की वजह से फंसे है. इस बीच रूस ने हालात संभालने के लिए मदद भेजी है.
युद्ध स्तर पर हो रहा काम
खबरों के मुताबिक कुछ जहाज कई दिन से फंसे हैं. ऐसे में वहां खाने पीने के संकट के साथ दवाइयों को भी पहुंचाया गया है. रूस ने रूट सामान्य कराने के लिए फिलहाल दो खास आइसब्रेकर (Icebreakers) भेजे हैं जिनके साथ दो ऑयल टैंकर (Oil Tankers) और कार्गो बोट्स (Cargo Boats) भी शामिल हैं. रूट सामान्य करने के काम में लगातार बिगड़ रहा मौसम बड़ी रुकावट डाल रहा है इसलिए यहां युद्धस्तर पर काम हो रहा है.
कयासों का दौर जारी
इस सागर का जमना यूं तो एक सामान्य प्रकिया है. इस बार समय से पहले और अप्रत्याशित रूप से इसके जमने की वजह से पुराने अनुमान काम नहीं आए. कहा जा रहा है कि इन जहाजों में करोड़ों-अरबों का सामान भरा है.
'खतरा बरकरार'
चूंकि समुद्री रूट में गलती करने की गुंजाइश नहीं होती है. ऐसे में अप्रत्याशित रूप से सागर के जमने की वजह से बड़े नुकसान का अनुमान लगाया गया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर रूट सामान्य करने के काम में और तेजी नहीं आई तो ये जहाज कई महीनों तक यूं ही फंसे रह सकते हैं.