वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी, विशाल सौर तूफान अंतरिक्ष से आ रहा पृथ्वी की तरफ, बंद हो सकती है बिजली

वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

Update: 2021-10-11 14:34 GMT

वॉशिंगटन: अंत‍रिक्ष से धरती से ओर आज विशाल सौर तूफान बहुत तेजी से आ रहा है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस तूफान की सीधे धरती से टक्‍कर हो सकती है। इससे बिजली ग्रिड ठप हो सकते हैं जिससे बिजली की आपूर्ति लड़खड़ा सकती है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि अंतरिक्ष से आने वाली नार्दन लाइट्स को न्‍यूयॉर्क में भी देखा जा सकेगा। उन्‍होंने बताया कि इस सौर तूफान को शनिवार को सूरज के उस हिस्‍से की ओर देखा जो सीधे तौर पर धरती की ओर है।


इस तूफान की वजह से सौर गतिविधि बढ़ गई है। अमेरिका के नैशनल ओसेनिक एंड एटमोसफेरिक एडमिनिस्‍ट्रेशन ने यह अलर्ट जारी किया है। उसने कहा कि इस भूचुंबकीय तूफान की वजह से धरती पर कई देशों में पावर ग्रिड में दिक्‍कतें आ सकती हैं और वोल्‍टेज में परेशानी में आ सकती है। इस तूफान का असर बढ़ सकता है और यह जी2 श्रेणी में पहुंच सकता है जो एजेंसी के मुताबिक थोड़ा तेज माना जाता है।

धरती पर सबसे खतरनाक सौर तूफान 1859 में आया

अमेरिकी एजेंसी ने कहा कि इस तूफान का असर 11 अक्‍टूबर को शुरू होगा और उसका असर 12 अक्‍टूबर तक बना रह सकता है। ब्रिटेन में भी मौसम विभाग ने कहा है कि अंतरिक्ष से रंगीन रोशनी या औरोरा को देखा जा सकता है। खगोलविदों ने कहा है कि इस तूफान से बहुत ज्‍यादा नुकसान होने की आशंका नहीं है। धरती पर सबसे खतरनाक सौर तूफान 1859 में आया था। सबसे शक्तिशाली जिओमैग्‍नेटिक तूफान ने यूरोप और अमेरिका में टेलिग्राफ नेटवर्क को तबाह कर दिया था। इस दौरान कुछ ऑपरेटर्स ने बताया कि उन्‍हें इलेक्ट्रिक का झटका लगा है जबकि कुछ अन्‍य ने बताया कि वे बिना बैट्री के अपने उपकरणों का इस्‍तेमाल कर ले रहे हैं।

बता दें कि यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की असिस्टेंट प्रफेसर संगीता अब्दु ज्योति ने पिछले दिनों बताया था कि भविष्‍य में सूरज से उठने वाला महातूफान इंटरनेट को खत्म कर सकता है। यह महातूफान कुछ घंटे से लेकर कई दिन तक चल सकता है। उन्होंने बताया है कि सौर तूफान के कारण बिजली चली जाएगी जो कुछ दिन में लौट सकती है लेकिन इंटरनेट लंबे वक्त के लिए ठप हो जाएगा। इससे उत्पादकता पर असर पड़ेगा। संगीता ने अपने पेपर में बताया है कि इस तूफान से पानी के नीचे बिछे इंटरनेट केबल खराब हो जाएंगे जिससे महाद्वीपों के बीच इंटरनेट पर असर पड़ेगा। हालांकि, फाइबर ऑप्टिक केबल वाले स्थानीय और क्षेत्रीय कनेक्शन ठीक रहेंगे।
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