दुनिया में पाँच महासागर हैं: प्रशांत, अटलांटिक, भारतीय, आर्कटिक और अंटार्कटिक। लेकिन, वैज्ञानिकों का सुझाव है कि दुनिया में एक नए महासागर के बनने की संभावना है। हालाँकि, एक खोज से इस संबंध में कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। उल्लेखनीय खोज से पता चला है कि पानी का एक विशाल भंडार पृथ्वी की सतह से लगभग 700 किमी नीचे है। यह खोज इवान्स्टन, इलिनोइस में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा की गई थी। उनके मुताबिक, टेक्टोनिक प्लेटों में बदलाव के परिणामस्वरूप अफ्रीका महाद्वीप के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में यह नया महासागर बन रहा है। टेक्टोनिक प्लेटें पृथ्वी की सतह के नीचे चट्टानी स्लैब हैं, जो धीरे-धीरे चलती हैं और पहाड़ों, द्वीपों और समुद्री खाइयों का निर्माण करती हैं।
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि एक दरार है जो अफ्रीकी महाद्वीप को दो हिस्सों में बांटती है। इस दरार को पूर्वी अफ़्रीकी दरार कहा जाता है। इसकी खोज वर्ष 2005 में हुई थी और यह 35 मील लंबा है। हालाँकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि यह दरार लगभग 22 मिलियन वर्ष पहले बनना शुरू हुई थी। दो टेक्टोनिक प्लेटें सोमाली प्लेट और न्युबियन प्लेट हैं। ये प्लेटें धीरे-धीरे एक-दूसरे से अलग हो रही हैं जिसके परिणामस्वरूप पूर्वी अफ्रीकी दरार चौड़ी हो रही है।शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अंतर हर साल 0.2 मिलीमीटर बढ़ रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो जाम्बिया और युगांडा जैसे ज़मीन से घिरे देशों के पास अपनी खुद की तटरेखा होगी। लेकिन, इस प्रक्रिया में लाखों साल लगेंगे और हम इस घटना को देखने के लिए मौजूद नहीं रहेंगे।