वैज्ञानिक ने ऐसी एंटीबॉडी पहचानी, जो नए वेरिएंट्स ओमिक्रॉन को कर सकती है बेअसर, पढ़ें रिपोर्ट

दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों द्वारा जारी एक पेपर के अनुसार कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट का संक्रमण पहले के डेल्टा स्वरूप के खिलाफ इम्युनिटी को ना सिर्फ मजबूत कर सकता है, बल्कि गंभीर बीमारी के जोखिम को भी यह कम करता है.

Update: 2021-12-29 02:31 GMT

फाइल फोटो 

 जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों द्वारा जारी एक पेपर के अनुसार कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट का संक्रमण पहले के डेल्टा स्वरूप के खिलाफ इम्युनिटी को ना सिर्फ मजबूत कर सकता है, बल्कि गंभीर बीमारी के जोखिम को भी यह कम करता है. दक्षिण अफ्रीका के डरबन में स्थित अफ्रीका स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान के एलेक्स सिगल और खदीजा खान की अगुवाई वाले लेखकों के मुताबिक, क्योंकि ओमिक्रॉन को काफी तेजी से फैलने वाला और कुछ एंटीबॉडी को चकमा देकर बच निकलने वाला बताया गया है, लक्षण सामने आने के दो सप्ताह के बाद संक्रमणों के लिए प्रतिरक्षा (Immunity) 14 गुना बढ़ गई. उन्होंने कहा कि अध्ययन के दौरान डेल्टा के खिलाफ एक छोटा सुधार पाया गया.

एलेक्स सिगल ने कहा, "अगर हम भाग्यशाली हैं, तो ओमिक्रॉन कम रोगजनक है और इससे उत्पन्न इम्युनिटी डेल्टा को बाहर निकालने में मदद करेगी." दरअसल सिगल ही वह शख्स हैं, जिन्होंने सबसे पहले फाइजर इंक और बायोएनटेक एसई के कोविड-19 वैक्सीन के दो डोज के साथ-साथ इस बात का पता लगाया कि पिछला संक्रमण ओमिक्रॉन के खिलाफ मजबूत सुरक्षा दे सकता है.
दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण की चौथी लहर के लिए ओमिक्रॉन जिम्मेदार
नवीनतम निष्कर्षों से पता चलता है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित किसी व्यक्ति के डेल्टा द्वारा पुन: संक्रमित होने की संभावना सीमित है. इतना ही नहीं, इससे हासिल एंटीबॉडी नए वेरिएंट्स को भी बेअसर कर सकते हैं. दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण की चौथी लहर के लिए ओमिक्रॉन सबसे अहम कारण है, जिससे देश में कोरोना के रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं और यह वेरिएंट तेजी से विश्व स्तर पर चिंता का विषय बन रहा है.
जुलाई-अगस्त में डेल्टा वेरिएंट ने देश में मचाई थी तबाही
जुलाई और अगस्त में पूरे देश में डेल्टा वेरिएंट का कहर टूटा था, जिसकी वजह से अस्पताल में रिकॉर्ड संख्या में लोगों को भर्ती होना पड़ा था, लेकिन ओमिक्रॉन का अभी तक स्वास्थ्य सेवाओं पर इतना असर नहीं पड़ा है.
15 लोगों पर किया गया अध्ययन
इस अध्ययन में 15 प्रतिभागियों को शामिल किया, जिनमें से दो को बाहर रखा गया था क्योंकि उनलोगों में निष्क्रिय ओमिक्रॉन को पहचानना संभव नहीं था. अध्ययन के आंकड़ों को प्रीप्रिंट मेडिकल पब्लिकेशन मेड्रिक्सिव के पास जमा किया गया है.

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