हूती विद्रोहियों पर सऊदी गठबंधन सेना का हवाई हमला, 2 भारतीयों समेत 3 लोगों की मौत
सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन ने यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सऊदी अरब (Saudi Arabia) के नेतृत्व वाले गठबंधन ने यमन के हूती विद्रोहियों (Houthis Rebels Attack) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गठबंधन के फाइटर जेट्स ने मंगलवार आधी रात को यमन की राजधानी सना में हूती केंद्रों पर बम बरसाए. इन विद्रोहियों ने सोमवार को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की राजधानी अबुधाबी पर ड्रोन अटैक किया था. अबुधाबी के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और तेल डिपो के पास किए गए हमले में 2 भारतीयों समेत 3 लोगों की मौत हो गई.
सोमवार को हुए ड्रोन अटैक को लेकर अधिकारियों ने अमीरात न्यूज एजेंसी (WAM) को बताया कि तेल कंपनी ADNOC के गोदाम के पास मुसाफा इंडस्ट्रियल एरिया में फ्यूल टैंकरों में विस्फोट हुआ है. इसके अलावा अबुधाबी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास कंस्ट्रक्शन साइट पर आग भी लग गई. पुलिस ने कहा कि शुरुआती जांच में छोटे विमान के कुछ टुकड़े मिले हैं. हो सकता है कि यह ड्रोन हों और इन्हीं की वजह से टैंकर विस्फोट हुए और एयरपोर्ट पर आग लगी.
सऊदी की अगुआई वाली गठबंधन सेना और हूती विद्रोहियों के बीच लंबे वक्त से संघर्ष जारी है. इस संघर्ष की शुरुआत 2015 में हूती विद्रोहियों के यमन की राजधानी सना पर कब्जा के बाद हुई थी. सऊदी गठबंधन सेना ने इसी साल इनके खिलाफ सैन्य कार्रवाई की थी. इसके बाद विद्रोहियों और अरब देशों में वार-पलटवार शुरू हो गया.
कौन हैं हूती विद्रोही?
शिया इस्लाम को मानने वाले हूती विद्रोहियों का उत्तरी यमन के ज्यादातर हिस्सों पर कब्जा है. ये इस इलाके में सुन्नी इस्लाम की सलाफी विचारधारा का विरोध करते हैं. 2015 में यमन की राजधानी सना पर हूती विद्रोहियों के कब्जे के बाद राष्ट्रपति अब्दरबू मंसूर हादी को देश छोड़कर भागना पड़ा था.
यूएई भी यमन के गृहयुद्ध में हूतियों के खिलाफ गठबंधन में सऊदी अरब के साथ मिलकर लड़ रहा है. यूएई ने हाल के हफ्तों में यमन में हूती ठिकानों के खिलाफ अपने हवाई अभियान को तेज कर दिया है. ईरान समर्थित समूह ने कहा था कि वह इसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा. सोमवार को हुए हमलों को इसी कार्रवाई का हिस्सा माना जा सकता है. इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के जहाज रवाबी को चला रहे चालक दल के 7 भारतीय सदस्यों को यमन में सक्रिय ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने अपने कब्जे में ले लिया था.