बदहाल श्रीलंका के नए राष्‍ट्रपति हो सकते हैं साजिथ प्रेमदासा, पिता की हत्‍या के बाद की थी राजनीति में एंट्री

साजिथ प्रेमदासा श्रीलंका के नए राष्‍ट्रपति होंगे। 20 जुलाई को उनके चयन पर अंतिम मुहर लग सकती है।

Update: 2022-07-12 04:02 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। साजिथ प्रेमदासा श्रीलंका के नए राष्‍ट्रपति होंगे। 20 जुलाई को उनके चयन पर अंतिम मुहर लग सकती है। ये इस बात पर निर्भर है कि राष्‍ट्रपति गोटाबाया बुधवार तक अपना आधिकारिक इस्‍तीफा दे दें। साजिथ समागी जन बलावेग्‍या पार्टी के नेता है और वर्तमान में वो देश की संसद में नेता विपक्ष भी हैं। वो कोलंबो से सांसद हैं। साजिथ श्रीलंका के पूर्व राष्‍ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के पुत्र हैं। रणसिंघे इस पद पर 1989-1993 तक रहे थे।

पिता की हत्‍या के बाद की राजनीति में एंट्री
साजिथ की पढ़ाई की ही यदि बात करें तो लंदन स्‍कूल आफ इक्‍नामिक्‍स में जाने से पहले उन्‍होंने देश में ही थामस प्रिपेट्री स्‍कूल, कोलंबो के रायल कालेज और मिल स्‍कूल में पढ़ाई की थी। 1993 में जब उनके पिता की हत्‍या हुई उस वक्‍त साजिथ यूनिवर्सिटी आफ मेरिलैंड में पढ़ाई कर रहे थे। पिता की हत्‍या के बाद साजिथ ने स्‍वदेश आकर राजनीति में अपने करियर की शुरुआत की।
हंबनटोटा था राजनीति का पहला पड़ाव
उनकी राजनीति की पहली शुरुआत हंबनटोटा से हुई थी। यहां से यूनाइटेड नेशनल पार्टी के नेता थे। साजिथ देश की संसद के लिए पहली बार वर्ष 2000 में चुने गए थे और उन्‍हें सरकार में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय में उप मंत्री बनाया गया था। वे इस पद पर वर्ष 2004 तक रहे। इसके बाद वर्ष 2011 में वो यूनाइटेड नेशनल पार्टी के डिप्‍टी लीडर बनाए गए। इस पद से उन्‍हें 2013 में हटा दिया गया था लेकिन 2014 में उन्‍हें दोबारा इस पद को दे दिया गया।
देश की संसद में रहे विपक्षी नेता
वर्ष 2015 में राष्‍ट्रपति श्रीसेना की सरकार में उन्‍हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। उस वक्‍त उन्‍हें हाउसिंग एंड समृद्धि मंत्रालय दिया गया। वर्ष 2019 में साजिथ यूनाइटेड नेशनल फ्रंट के उम्‍मीदवार के रूप में राष्‍ट्रपति के चुनाव के लिए भी खड़े हुए थे, लेकिन इसमें उन्‍हें जीत नहीं मिली। वो दूसरे नंबर पर रहे। इसी दौर में उन्‍हें संसद में विपक्षी नेता और देश की संसदीय कांउलिस का सदस्‍य बनाया गया। प्रेमदासा का जन्‍म 12 जनवरी 1967 में हुआ था। उस वक्‍त उनके पिता श्रीलंका के प्रसारण मंत्री थे और कोलंबो से सांसद थे। उनके पिता 1977 से 1989 तक देश के पीएम पद पर भी रहे थे।
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