एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री से बातचीत में कहा- पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों की जल्द...

चीन के विदेश मंत्री से बातचीत में कहा

Update: 2022-07-07 16:12 GMT
भारत के साथ संबंध सामान्य बनाने की कोशिश कर रहे चीन को भारत ने एक बार फिर साफ तौर पर बता दिया है कि पूर्वी लद्दाख में उसके सैनिकों की पूर्ण वापसी के बगैर ऐसा संभव नहीं है। बाली (इंडोनेशिया) में जी-20 देशों की बैठक में हिस्सा लेने गए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय विमर्श में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर उपजे सारे विवादों का शीघ्रता से हल निकालने पर बल दिया।
- उन्होंने कहा कि भारत और चीन के रिश्ते एक दूसरे का परस्पर आदर, एक दूसरे की संवेदनाओं और हितों का ख्याल रखकर ही बेहतर बनाए जा सकते हैं। दोनों विदेश मंत्रियों के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि विवादों को सुलझाने के लिए दोनों देशों के सैन्य कमांडरों व विदेश मंत्रालयों के बीच वार्ता का दौर जारी रहना चाहिए। इस बारे में सैन्य कमांडरों की आगामी बैठक की तिथि अभी तय नहीं हुई है।
- जयशंकर और वांग यी के बीच मार्च, 2022 के बाद यह दूसरी मुलाकात है। तब वांग यी भारत दौरे पर आए थे। गुरुवार को इन दोनों के बीच एक घंटे की मुलाकात हुई जो यह बताता है कि रिश्तों में काफी तनाव के बावजूद भारत और चीन उच्च स्तर पर संवाद बनाए रखना चाहते हैं।
- भारतीय विदेश मंत्री ने चीन में शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों का मुद्दा भी उठाया। कोविड के बाद ये छात्र भारत आ गए हैं, लेकिन उन्हें वापस चीन नहीं जाने दिया जा रहा। पूर्व में चीन की तरफ से इन छात्रों की स्थिति पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया गया, लेकिन उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने में अभी तक कोई खास सहायता प्रदान नहीं की गई है।
- दोनों देशों के बीच सामान्य उड़ानें भी शुरू नहीं हो पाई हैं। जयशंकर ने इनकी बहाली पर भी बात की।
पूर्व में बनी सहमतियों को पूरी तरह लागू करने पर जोर
विदेश मंत्रालय की तरफ से इस वार्ता के बारे में बताया गया है कि दोनों विदेश मंत्रियों ने पूर्वी लद्दाख और एलएसी के लंबित मुद्दों का शीघ्रता से समाधान निकालने पर जोर दिया।
- उन्होंने वहां तैनात सैनिकों की अभी तक हुई वापसी के संदर्भ में बताया कि यह प्रक्रिया आगे जारी रहनी चाहिए क्योंकि सैनिकों की पूर्ण वापसी के बगैर एलएसी पर अमन व शांति स्थापित करना मुश्किल होगा।
- जयशंकर ने दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल के लिए द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकाल और दोनों विदेश मंत्रियों के बीच पूर्व में बनी सहमतियों को पूरी तरह लागू करने पर भी जोर दिया।
- चीन के विदेश मंत्री ने हाल ही में समाप्त हुए ब्रिक्स देशों के सम्मेलन को सफल बनाने के लिए भारत को धन्यवाद दिया। साथ ही भारत की अध्यक्षता में होने वाले जी-20 देशों के सम्मेलन और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के लिए शुभकामनाएं दीं।
दलाई लामा पर चीन की आपत्ति खारिज
तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा की जन्मतिथि पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से उन्हें बधाई संदेश देने पर चीन की आपत्तियों को भारत सरकार ने खारिज कर दिया है।
- विदेश मंत्रालय का कहना है कि दलाई लामा को लेकर भारत की परंपरागत नीति है। वह भारत के एक सम्मानित मेहमान हैं और उनके लाखों चाहने वाले हैं। देश-विदेश में उनकी जन्मतिथि काफी धूमधाम से मनाई जाती है।
- प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से उन्हें दी गई जन्मतिथि की बधाई को इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें पिछले वर्ष भी जन्मतिथि की बधाई दी थी।
दोनों देशों में सीमाओं पर शांति बनाए रखने की क्षमता और इच्छा : चीन
बीजिंग। दोनों विदेश मंत्रियों के बीच वार्ता के बारे में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि सीमा पर स्थिति स्थिर है और दोनों देशों में सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थायित्व बनाए रखने की क्षमता और इच्छा दोनों है। यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने दी।
- लिजियान ने साथ ही कहा कि दोनों विदेश मंत्रियों के बीच वार्ता की जानकारी सही समय पर जारी की जाएगी। लेकिन साथ ही कहा, 'दोनों पक्षों ने समानता और सुरक्षा के सिद्धांत के साथ हमारी सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में प्रासंगिक मुद्दों को सही ढंग से हल करने के लिए दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित संधियों और समझौतों के अनुसार दोनों नेताओं की बीच बनी महत्वपूर्ण सहमतियों का पालन करने पर सहमति व्यक्त की है।'
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