रूसी हैकर्स का अमेरिकी विदेश मंत्रालय पर साइबर अटैक, इस दावे ने मचाई सनसनी

रूस के हैकर्स पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के हजारों ईमेल चोरी किए हैं

Update: 2021-03-31 12:50 GMT

रूस (Russia) के हैकर्स (Hackers) पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्रालय (US Department of State) के अधिकारियों के हजारों ईमेल चोरी किए हैं. इस मामले के सामने आने के बाद अमेरिका और रूस (US-Russia) के बीच चल रहे तनावपूर्ण संबंधों के अधिक बिगड़ने की आशंका है. अमेरिकी न्यूज एजेंसी पॉलिटिको ने इस सेंधमारी की जानकारी रखने वाले दो अमेरिकी सांसदों के हवाले से इस रिपोर्ट को छापा है. गौरतलब है कि पहले भी रूसी हैकर्स पर आरोप लगते रहे हैं कि वे अमेरिकी अधिकारियों के डाटा की सेंधमारी का प्रयास कर रहे हैं.

एक तीसरे अधिकारी का हवाला देते हुए पॉलिटिको ने कहा कि रूसी हैकर्स ने विदेश विभाग के यूरोपियन, यूरेशियन, ईस्ट एशियन एवं पैसेफिक अफेयर्स ब्यूरो में काम करने वाले अधिकारियों के ईमेल में सेंधमारी की है. लेकिन ये हैकर्स क्लासिफाइड नेटवर्क तक पहुंचने में कामयाब नहीं हो सके हैं. हालांकि, अभी तक यह अभी भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये साइबर हमला दिसंबर में बड़े सोलरविन्ड्स हैक अभियान का हिस्सा है या नहीं. सोलरविन्ड्स के जरिए हैकर्स द्वारा कई अमेरिकी सरकारी एजेंसियों और निजी कंपनियों को निशाना बनाया गया था.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने नहीं दी कोई जानकारी
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर चुप्पी साधी हुई है. इसके प्रवक्ता ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इस मामले में जानकारी देने से इनकार कर दिया. हालांकि, प्रवक्ता ने इस बात को रेखांकित किया कि मंत्रालय जानकारी को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी को गंभीरता से लेता है और इस दिशा में लगातार कदम उठाता है. पॉलिटिको के मुताबिक, हमले से पता चलता है कि रूसी हैकर्स ने जिस अमेरिकी सरकारी डाटा तक पहुंच बनाई, उसका दायरा काफी बड़ा था. इसने मंत्रालय के साइबरसिक्योरिटी पर भी सवालिया निशान खड़े किए हैं.
सोलरविन्ड्स अटैक के लिए रूसी हैकर्स जिम्मेदार
वहीं, अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि सोलरविन्ड्स हैक के लिए रूसी हैकर्स जिम्मेदार थे. न्यूयॉर्क टाइम्स ने अमेरिकी सरकार के सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि जो बाइडेन ने इस साइबर अटैक का जवाब देने की तैयारी की हुई थी. हालांकि, मॉस्को ने इस आरोपों से पल्ला झाड़ लिया. इसने कहा कि वाशिंगटन ने अपनी बात को साबित करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया है.


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