भारत पहुंचे रूसी विदेश मंत्री, रियायती कच्चे तेल की खरीद

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव दो दिन की भारत यात्रा पर गुरुवार को यहां पहुंचेंगे

Update: 2022-03-30 18:47 GMT

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव दो दिन की भारत यात्रा पर गुरुवार को यहां पहुंचेंगे। पिछले महीने यूक्रेन पर हमले के बाद रूस के किसी वरिष्ठ मंत्री की यह पहली भारत यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय ने लावरोव की यात्रा को लेकर संक्षिप्त बयान जारी किया है। मंत्रालय ने कहा, 'रूसी संघ के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव 31 मार्च-एक अप्रैल, 2022 को नई दिल्ली की आधिकारिक यात्रा करेंगे।'

रूपया-रूबल भुगतान प्रणाली पर फोकस
इस मामले से परिचित लोगों ने कहा कि लावरोव की नई दिल्ली यात्रा का फोकस भारत द्वारा रियायती रूसी कच्चे तेल की खरीद और मास्को के खिलाफ पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के मद्देनजर द्विपक्षीय व्यापार के लिए एक रूपया-रूबल भुगतान प्रणाली स्थापित करने पर होने की उम्मीद है।
एस-400 की आपूर्ति पर हो सकती है बात
माना जा रहा है कि विदेश मंत्री के साथ बातचीत में भारत विभिन्न सैन्य हार्डवेयर के साथ ही एस-400 मिसाइल प्रणाली के उपकरणों की रूस से समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भी दबाव बना सकता है।
चीन होते हुए भारत आएंगे लावरोव
लावरोव चीन होते हुए भारत आ रहे हैं। बुधवार को वह चीन पहुंचे हैं, जहां अफगानिस्तान के मुद्दे पर चीन समेत पड़ोसी देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होंगे। चीन का दौरा खत्म करने के बाद वह गुरुवार शाम तक नई दिल्ली पहुंचेंगे।
अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के शीर्ष अधिकारी भी भारत दौरे पर
यह संयोग ही है कि लावरोव का भारत दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के शीर्ष अधिकारी या तो नई दिल्ली के दौरे पर हैं। भारतीय मूल के अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह दो दिन की यात्रा पर बुधवार भारत पहुंचे हैं।
ब्रिटेन की विदेश मंत्री भी आ रहीं भारत
जर्मनी के विदेश एवं सुरक्षा नीति सलाहकार जेंस प्लाटनर भी बुधवार को नई दिल्ली की यात्रा पर रहे। वहीं, ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस गुरुवार को नई दिल्ली पहुंच रही हैं। ट्रस की विदेश मंत्री एस. जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बातचीत तय है।
पिछले हफ्ते आए थे चीनी विदेश मंत्री
पिछले हफ्ते चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत का दौरा कर चुके हैं। जयशंकर के साथ उनकी लंबी बातचीत भी हुई थी, जिसमें दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव का मुद्दा मुख्य रूप से उठा था। हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए यूरोपीय संघ की विशेष दूत गेब्रियल विसेंटीन भी इसी हफ्ते नई दिल्ली की यात्रा कर चुकी हैं।
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