डोनबास के सबसे बड़े शहर सीविरोडोनेस्क पर कब्जे के करीब रूस की सेना
इस शहर पर कब्जे के बाद लुहांस्क प्रांत रूस के नियंत्रण में आ जाएगा
कीव, रायटर। रूसी सेना ने युद्ध के 100 वें दिन यूक्रेन के औद्योगिक शहर की पहचान वाले सीविरोडोनेस्क के ज्यादातर हिस्सों पर कब्जा कर लिया। हालांकि वहां पर लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। यूक्रेन की सेना डोनबास के इस सबसे बड़े शहर में कई स्थानों पर डटी हुई है और हमलों का पूरी ताकत से जवाब दे रही है। 24 फरवरी को शुरू हुए इस युद्ध के इतना लंबा खिंचने की उम्मीद किसी को नहीं थी।
वहीं यूक्रेनी सेना जांबाजी दिखाते हुए मदद में मिले हथियारों के साथ मैदान में डटी हुई है। यह युद्ध अभी और कितने दिन चलेगा... कहा नहीं जा सकता। मार्च में राजधानी कीव पर कब्जे में सफलता न मिलने पर रूस ने अपना अभियान पूर्वी यूक्रेन पर केंद्रित कर दिया और पिछले कई हफ्तों से सीविरोडोनेस्क रूसी सेना के हमलों का केंद्र बना हुआ है। इस शहर पर कब्जे के बाद लुहांस्क प्रांत रूस के नियंत्रण में आ जाएगा।
लुहांस्क के गवर्नर सेरही गैदाई ने कहा, बड़े दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि रूसी सेना सीविरोडोनेस्क में काफी भीतर तक घुस आई है और ज्यादातर हिस्सों पर उसका कब्जा हो गया है। केवल 20 प्रतिशत हिस्से में अब लड़ाई चल रही है। सीवरस्की डोनेट्स नदी के दूसरे किनारे पर बसे सीविरोडोनेस्क के सहयोगी शहर लिसिचांस्क पर अभी भी यूक्रेनी सेना का कब्जा है।यूक्रेनी सेना अब अमेरिका और ब्रिटेन से मिलने वाले राकेट सिस्टम व अन्य बड़े हथियारों का इंतजार कर रही है। ये राकेट सिस्टम 80 किलोमीटर की दूरी तक मार करने में सक्षम हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि रूसी सेना इलाकों को पूरी तरह से बर्बाद कर उन पर कब्जा कर रही है। इससे नागरिकों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। बाकी शहरों में हुई तबाही के लिए भी रूसी सेना जिम्मेदार है।
मेलिटोपोल, खेरसान और मारीपोल शहरों पर कब्जा
रूसी सेना ने तीन महीने से ज्यादा की लड़ाई में मेलिटोपोल, खेरसान और मारीपोल शहरों पर कब्जा किया है। इस बीच रूस और यूक्रेन से गेहूं और अन्य खाद्य सामग्री का निर्यात शुरू कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रयास तेज हैं। लेकिन ये प्रयास अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं।