पुरुषों को वश में करने के सारे तौर-तरीके सीखती हैं रशियन जासूस, खूबसूरती के लोग हुए दिवाने

रूसी जासूसों के किस्से दुनिया भर में मशहूर हैं कि वो किस तरह अपने टार्गेट से जानकारियां निकलवाने में माहिर होते हैं

Update: 2022-03-21 14:03 GMT
Beautiful Russian Spy : रूसी जासूसों के किस्से दुनिया भर में मशहूर हैं कि वो किस तरह अपने टार्गेट से जानकारियां निकलवाने में माहिर होते हैं. इसके लिए रूस खूबसूरत लड़कियों का बखूबी इस्तेमाल करता रहा है. व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के शासनकाल में रशियन जासूस रह चुकी आलिया रोज़ा (Aliia Roza) नाम की महिला ने अपनी ट्रेनिंग से जुड़ी कुछ डिटेल्स बताईं हैं और बताया है कि वे 18 साल की उम्र में ये सब सीख रही थीं.
रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine War) युद्ध के दौरान दोनों देशों की युद्ध तकनीक पर भी खूब बातें हो रही हैं. इसी बीच 37 साल की रशियन महिला (Russian Spy) आलिया रोज़ा (Aliia Roza) ने खुद को पूर्व रशियन जासूस बताते हुए कहा है कि उसे इसके लिए कड़ी और अजीब ट्रेनिंग से गुजरना पड़ा था. वे मौजूदा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर (Vladimir Putin) पुतिन के शासनकाल में जासूसी का काम कर चुकी हैं.

फिलहाल सोवियत संघ में जन्मी आलिया रोज़ा एक पब्लिक रिलेशंस कंपनी की मालकिन हैं लेकिन इससे पहले वे रूसी जासूस के तौर पर काम कर चुकी हैं. उस वक्त उनकी उम्र महज 18 साल थी, जब वे सीक्रेट एजेंट के तौर पर मिलिट्री में ट्रेनिंग ले रही हैं.
आलिया ने दावा किया है कि उन्हें 20 साल की उम्र में ड्रग गैंग और मानव तस्करी से जुड़े लोगों की जासूसी के लिए भेजा गया था. हालांकि वे इसमें सफल नहीं हो पाईं और उन्हीं अपनी गलती की वजह से देश छोड़कर भागना पड़ा. The Sun से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया वे पकड़ी गई थीं और मौत के मुंह से निकलकर बाहर आईं.
आलिया ने बताया कि उन्हें मिलिट्री एकेडमी में खास तकनीक सिखाई गई थी. लोगों को सेड्यूस करना, मैनीपुलेट करना और अपनी बात मनवाने की खास ट्रेनिंग दी जाती थी. आलिया के दादा भी दूसरे विश्व युद्ध के नेशनल हीरो थे और रूस में उनके नाम का एक स्मारक भी है.
जासूसी के काम के लिए बहुत सी लड़कियों में कुछ को चुना जाता है, जिनमें से एक आलिया भी थीं. उन्हें स्पेशल एजेंट के तौर ट्रेन किया गया था और सिखाया गया था कि अपनी खूबसूरती के जाल में फंसाकर उन्हें किस तरह अपने टार्गेट से इनफॉर्मेशन निकलवानी है.
आलिया कहती हैं कि एकेडमी में उन्हें न सिर्फ पुरुषों को वश में करना सिखाते थे, बल्कि उन्हें मार्शल आर्ट्स और हथियारों को चलाने की भी ट्रेनिंग दी जाती थी, ताकि वे परफेक्ट सोल्जर की तरह काम कर सकें. उन्हें अफगानिस्तान से आए ड्रग्स से लोगों को बचाने और ह्यूमन ट्रैफिकिंग को रोकने के काम में लगाया गया था.
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