रूसी सेना ने युद्धग्रस्त यूक्रेन की नदी पर बना पुल भी उडाया, लोगों के निकलने का एकमात्र रास्ता भी खत्म

रूसी सेना ने युद्धग्रस्त यूक्रेन के शहर सिविएरोदोनेत्सक को देश के अन्य शहरों से जोड़ने वाले नदी के पुल को रूसी सेना ने उड़ा दिया।

Update: 2022-06-13 06:12 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूसी सेना ने युद्धग्रस्त यूक्रेन के शहर सिविएरोदोनेत्सक ( Sievierodonetsk) को देश के अन्य शहरों से जोड़ने वाले नदी के पुल को रूसी सेना ने उड़ा दिया। इसके साथ ही देश से निकलने वाले लोगों के लिए जो एकमात्र रास्ता था वो भी खत्म हो गया। यह जानकारी स्थानीय अधिकारियों ने रविवार को दी।

यूक्रेन के पूर्वी इलाके डोनबास पर कब्जे के लिए सिविएरोदोनेत्सक जंग का मुख्य केंद्र बन गया था। 24 फरवरी से यूक्रेन पर हुए रूसी हमले के बाद से शहर के अनेक हिस्सों के हालात खराब हो गए। इस क्रम में यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादीमिर जेलेन्सकी ने रात में जारी किए गए वीडियो संदेश में कहा, 'कब्जा करने वालों का मुख्य मकसद नहीं बदला है वे सिविएरोदोनेत्सक में दबाव बना रहे हैं, यहां भीषण युद्ध जारी है। रूसी सेना डोनबास में रिजर्व सैन्य बल को तैनात करने की कोशिश कर रही है।
प्रतिदिन यूक्रेन में 200 सैनिकों की जा रही जान
डोनबास में जारी भीषण जंग के बीच यूक्रेनी सेना का नुकसान भी बढ़ गया है। मई में रोजाना की लड़ाई में यूक्रेन के औसतन 100 सैनिक मारे जा रहे थे, वह संख्या जून में बढ़कर प्रतिदिन 200 सैनिकों के मरने की हो गई है। यूक्रेन को जल्द से जल्द पश्चिमी देशों के बड़े और लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार चाहिए जिनसे वह रूसी सेना का मुकाबला कर सके।
मारीपोल में हैजा फैला
मारीपोल में इमारतों के मलबे में बड़ी संख्या क्षत-विक्षत लाशें निकलने के बाद शहर में हैजा फैलने की खबर है। माना जा रहा है कि पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में स्थिति गंभीर हो सकती है और हजारों लोगों की जान जा सकती है।
पोलैंड और रोमानिया के रास्ते गेहूं निर्यात करेगा यूक्रेन
भंडारों में रखे तीन करोड़ टन गेहूं को निर्यात करने के लिए यूक्रेन ने पोलैंड और रोमानिया का रास्ता तय कर लिया है। तीसरा रास्ता तैयार करने के लिए पड़ोसी बाल्टिक देशों से वार्ता चल रही है। यह जानकारी शांगरी-ला डायलाग में भाग लेने पहुंचे यूक्रेन के विदेश उप मंत्री दिमित्रो सेनिक ने दी है। उन्होंने कहा, काला सागर की रूसी नाकेबंदी के चलते यूक्रेन गेहूं का निर्यात नहीं कर पा रहा है। इससे गेहूं की कीमतों में वृद्धि हो रही है और खाद्यान्न संकट का खतरा पैदा हो रहा है। लेकिन यूक्रेन इस खतरे को खत्म करने के लिए गेहूं के निर्यात की रूपरेखा बना रहा है और वह अपने मकसद में कामयाब होगा।
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