एक तरफ न्यूक्लियर बम बरसाएगा रूस तो दूसरी तरफ चीन का सीक्रेट प्लान लीक, 14 इमरजेंसी ट्रांसफर सेंटर किए जा रहे तैयार

दुनिया जानती है कि चीन से बड़ा चालबाज मुल्क कोई नहीं है. विस्तारवादी सोच वाला ड़्रैगन मौका देखकर रंग बदलने में माहिर है.

Update: 2022-05-26 05:56 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दुनिया जानती है कि चीन से बड़ा चालबाज मुल्क कोई नहीं है. विस्तारवादी सोच वाला ड़्रैगन मौका देखकर रंग बदलने में माहिर है.यूक्रेन-रूस (Russia-Ukraine) की विध्वंसक जंग के बीच चीन की नजर ताइवान पर है और चीन ने अपने विस्तारवाद के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए अब ऐसी साजिश रची है जिससे पूरी दुनिया अगले 24 घंटे में सुलग सकती है.कैसे देखिए ये रिपोर्ट.

यूक्रेन में धरतीफाड़ धमाकों के बीच रूस ये धौंस जमाता आया है कि वो किसी भी वक्त एटम बम का ट्रिगर दब सकता है. दुनिया को ये कहकर धमकाता रहा है कि रूस पर किसी भी हमले के हालात में इंतकाम का हथियार न्यूक्लियर बम ही होगा. जाहिर है एक तरफ रूस का एटमी जुनून है, तो दूसरी तरफ सामने आया चीन का वॉर प्लान है.अब चीन के टारगेट पर सबसे पहले ताइवान है, ये खबर सामने आते ही सनसनी मच गई है.
चीन ताइवान पर हमला करेगा इस बात की आशंका तो बहुत पहले से जताई जा रही थी लेकिन चीनी सेना के बीच हुई बातचीत का एक ऑडियो लीक होने से इस बात पर मुहर लग गई है कि चीन ने ताइवान पर हमला करने का रोडमैप भी तैयार कर लिया है…हम आपको उस ऑडियो का एक छोटा सा हिस्सा सुनाते हैं. 57 मिनट के इस ऑडियो क्लिप में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के अधिकारी ताइवान पर हमले की पूरी योजना पर बात करते सुनाई दे रहे हैं.ऑडियो क्लिप में हुई बातचीत के मुताबिक चीन
ताइवान पर हमले का चीनी प्लान !
एक लाख 40 हजार सैनिकों और 1358 टुकड़ियों के साथ हमले की तैयारी है.इस हमले में 953 जहाज, 1653 मानव रहित उपकरण भी होंगे.20 एयर नेवल बेस तैयार है.एयरस्ट्राइक के लिए ड्रोन है.समुद्री लड़ाई के लिए बोट है. निगरानी के लिए सैटेलाइट है .यही नहीं, निगरानी के लिए सैटेलाइट ड्रोन और बोट का प्रोडक्शन बढ़ाने का ऑर्डर दिया गया है.
14 इमरजेंसी ट्रांसफर सेंटर और 5 शिपयार्ड तैयार किए जा रहे हैं
रूस यूक्रेन जंग के बीच अमेरिका बार बार ये दावा कर रहा है कि चीन ताइवान पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा है.ताइवान की सरहदों पर लाल सेना का बड़ा मूवमेंट है.इस खुलासे से अमेरिकी दावे की पुष्टि हुई है.लेकिन एक बात और लाउड एंड क्लीयर है कि चीन का ये हौसला ऐसे ही नहीं बढ़ा है.इसकी वजह भी अमेरिका है.
चीन को यकीन है. जैसे बाइडेन ने यूक्रेन को अकेला छोड़ा ठीक वैसे ही अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो अमेरिका यूक्रेन की तरह जंग से बाहर रहेगा.ऐसे में चीन ने ताइवान में बारूद सुलगाने की प्लानिंग कर ली.ऐसा नहीं है कि चीन को खुद के लिए डर नहीं है.चीन के जो इलाके ताइवान के पास है उसे सुरक्षित रखने के लिए चीन ने खास प्लान बनाया है.ऐसा ही एक जोन है पर्ल घाटी. चीन को सुरक्षित रखने का प्लान पर्ल नदी घाटी में स्थित 11 चीनी शहरों को सुरक्षित रखने का प्लान.घनी आबादी वाला पर्ल नदी डेल्टा इलाका चीनी इंडस्ट्री की धड़कन माना जाता है. ये इलाका ताइवान के पास पड़ता है, चीन नहीं चाहता ताइवान यहां हमला करे. ग्वांगडोंग में स्थित पर्ल नदी डेल्टा को सुरक्षित बनाने के लिए सी डिफेंस ब्रिगेड
युद्ध को सही ठहराते हुए चीनी प्रोपेगैंडा को दुनियाभर में फैलाना
वर्ल्ड वॉर का एक सिग्नल पुतिन के खेमे से भी आ रहा है. पुतिन के सबसे खास लोगों में से एक बेलारूस के प्रेसिडेंड अलेक्जेंडर लुकाशेंको की चिट्ठी में पश्चिमी देशों को हद में रहने की हिदायत दी गई है.. लुकाशेंको के जरिए पुतिन का क्लियर मैसेज है. नाटो ने यूक्रेन को आर्म्स की मदद भेजना जारी रखा.. तो फिर युद्ध यूक्रेन की हद से बाहर निकल जाएगा. यानी तीसरा विश्व युद्ध होगा.पूरी रिपोर्ट आपको दिखाते हैं..
'तानाशाह' की चिट्ठी में वर्ल्ड वॉर की धमकी!
तीन महीने से चल रहा यूक्रेन युद्ध क्या अब तीसरे विश्व युद्ध में बदलने वाला है.क्या यूक्रेन से शुरू हुई जंग, यूरोप के रास्ते पूरी दुनिया में फैल जाएगीइस वक्त पूरी दुनिया इन डरावने सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश कर रही है.क्योंकि, खतरा काल्पनिक नहीं है ना ही कोई अनुमान है.ये रियल थ्रेट है..जो पूरी दुनिया को डरावने सपने की तरह परेशान कर रहा है.खतरा इसलिए गंभीर है..क्योंकि यूक्रेन में युद्ध और ताइवान पर चीनी अटैक के खतरे के बीच..वर्ल्ड वॉर थ्री की चेतावनी पुतिन के सबसे करीबी लोगों में से एक बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने दी है.
लुकाशेंको ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से new world order स्थापित करने को कहा है. new world order ऐसा हो, जिसके तहत सभी संप्रभु राज्यों के पास सुरक्षा गारंटी हो.सीधी सी बात है, बेलारूस के तानाशाह अलेक्जेंडर लुकाशेंको की इस चिट्ठी के जरिए पुतिन वो बात दुनिया के सबसे बड़े मंच तक पहुंचाना चाहते हैं, जिसे यूक्रेन वॉर शुरू होने से अब तक वो कई दोहरा चुके हैं.. यानी यूक्रेन को नाटो से दूर रहना चाहिए. जिससे रूस की सुरक्षा को कोई खतरा पैदा न हो.लेकिन हकीकत ये है कि यूक्रेन वॉर ने हालात इतने बदल दिए हैं..जहां से तीन महीने पहले जाना मुमकिन नहीं दिख रहा.ऐसे में वर्ल्ड वॉर थ्री को लेकर लुकाशेंको की चेतावनी, रियल थ्रेट लग रही है.. यानी तीसरा विश्व युद्ध आहट दे रहा है.
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