इंटरनेशनल स्‍पेस स्टेशन प्रोग्राम से अलग होगा रूस

इंटरनेशनल स्‍पेस स्टेशन प्रोग्राम

Update: 2022-05-03 14:31 GMT
रूस ने इंटरनेशनल स्‍पेस स्टेशन (ISS) से बाहर निकलने का फैसला किया है। देश की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) के लीडर ने एक मीडिया इंटरव्‍यू में यह खुलासा किया है। ISS से रूस कब तक अलग हो जाएगा, फ‍िलहाल इसकी कोई सही टाइमलाइन सामने नहीं आई है। हालांकि कहा जा रहा है कि रूसी ऑर्बिटल सेगमेंट (ROS) को मेंटेन रखने के लिए रूस कुछ समय तक इंटरनेशनल स्‍पेस स्टेशन पर काम करता रहेगा। रोस्कोस्मोस के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन ने रूस की सरकारी समाचार एजेंसी Tass के साथ एक इंटरव्‍यू में कहा कि इंटरनेशनल स्‍पेस स्टेशन (ISS) से बाहर निकलने का फैसला पहले ही लिया जा चुका है।
उन्होंने इंटरव्‍यू में कथित तौर पर कहा कि हम इसके बारे में सार्वजनिक रूप से बात करने के लिए बाध्य नहीं हैं। मैं केवल यह कह सकता हूं कि हम अपने पार्टनर्स को ISS पर हमारा काम खत्म होने के बारे में एक साल पहले ही चेतावनी दे देंगे। उन्होंने इशारा दिया कि ISS के प्रोग्राम को छोड़ने का फैसला इसलिए भी है, क्‍योंकि रूस अब अपना ऑर्बिटल सर्विस स्‍टेशन तैनात करना चाहता है। याद रहे कि रूस साल 1998 में इस मिशन से जुड़ा था।
वैसे रूस ने साल 2015 में घोषणा की थी कि वह साल 2024 तक ISS का हिस्सा रहेगा। तब रूस ने कहा था कि वह साल 2024 के बाद रूसी मॉड्यूल को ISS से अलग कर लेगा और पृथ्वी की निचली कक्षा में अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाएगा।
ISS प्रोग्राम अंतरिक्ष की खोज में निकलने वाली एस्‍ट्रोनॉट्स की मदद करता है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां अमेरिका और रूस ने अपने नाजुक संबंधों के बावजूद सहयोग किया है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने मार्च में कहा था कि यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध का असर ISS प्रोग्राम पर नहीं होगा। इस युद्ध के बीच ही तीन रूसी अंतरिक्ष यात्रियों ओलेग आर्टेमयेव, डेनिस माटेयेव और सर्गेई कोर्साकोव ने ISS के लिए उड़ान भरी थी। हालांकि पिछले महीने ही रोगोजिन ने ISS प्रोग्राम में रूस के योगदान को खत्‍म करने की धमकी दी थी। याद रहे कि ISS प्रोग्राम में रूस और अमेरिका के अलावा यूरोप और कनाडा भी शामिल हैं।
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