यूक्रेन के रिहायशी इलाकों में रूस ने तेज की गोलाबारी, UN ने की 'सीजफायर' की मांग

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने रविवार को कहा कि संघर्ष के दौरान खार्किव और सुमी जैसे क्षेत्रों में फंसे आम नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए यूक्रेन में लड़ाई को रोकना बेहद जरूरी है.

Update: 2022-03-07 04:21 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) महासचिव एंटोनियो गुतारेस (UN Chief Antonio Guterres) ने रविवार को कहा कि संघर्ष के दौरान खार्किव और सुमी जैसे क्षेत्रों में फंसे आम नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए यूक्रेन में लड़ाई (Russia Ukraine War) को रोकना बेहद जरूरी है. गुतारेस ने रविवार को ट्वीट कर कहा, 'यूक्रेन में संघर्ष विराम स्थापित करना बेहद आवश्यक है ताकि मारियुपोल, खार्किव और सुमी के साथ-साथ संघर्ष वाले अन्य क्षेत्रों में फंसे आम नागरिकों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित हो पाए.'

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख का यह ट्वीट रूस के उन आरोपों के बीच आया है कि भारतीय और अन्य विदेशी नागरिकों को इन क्षेत्रों में यूक्रेनी राष्ट्रवादियों द्वारा बंधक बनाकर रखा जा रहा है. इस तरह के आरोप रूस की तरफ से लगाए जा रहे हैं, जबकि यूक्रेन इन्हें खारिज कर रहा है. भारत के विदेश मंत्रालय का कहना है कि उन्हें बंधक बनाए जाने जैसी कोई रिपोर्ट्स नहीं मिली हैं. साथ ही लोगों को निकालने के लिए भारतीय अधिकारी यूक्रेन के अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं.
रूस ने तेज की गोलाबारी
एक खबर ये भी आई है कि यूक्रेन के मध्य, उत्तरी और दक्षिण हिस्से में स्थित शहरों में रूसी बलों ने गोलाबारी तेज कर दी है. यूक्रेन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. इस गोलाबारी से वहां फंसे नागरिकों को निकालने का दूसरा प्रयास भी विफल हो गया. यूक्रेन के नेता ने अपने लोगों से लड़ने के लिए सड़कों पर उतरने का आग्रह किया है. वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस के हमलों को 'केवल तभी रोका जा सकता है, जब कीव शत्रुता समाप्त कर दे.'
खार्किव में तोप से गोले दागे गए
राष्ट्रपति के सलाहकार ओलेक्सी एरेस्टोविच ने बताया कि कीव के बाहरी इलाकों में, उत्तर में चेर्निहिव, दक्षिण में मायकोलाइव और देश के दूसरे सबसे बड़े शहर खार्किव में रविवार देर रात गोलाबारी की गई. स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, खार्किव के रिहायशी इलाकों में तोपों से गोले दागे गए और गोलाबारी में एक टेलीविजन टॉवर भी क्षतिग्रस्त हो गया. युद्ध से बचकर यूक्रेन छोड़कर जाने वाले लोगों की संख्या भी 15 लाख से अधिक हो गई है. रूस के हमलों में कई घर जलकर खाक हो गए हैं.
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