उत्तरी अफगानिस्तान में जाने-माने मनोचिकित्सक की अपहरण के बाद हत्या, फिरौती देने के बाद भी नहीं माने किडनैपर
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हालात अभी सुधरे नहीं है. उत्तरी अफगानिस्तान में एक जानेमाने डॉक्टर को अगवा कर उसकी हत्या कर दी गई.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान के कब्जे के बाद हालात अभी सुधरे नहीं है. उत्तरी अफगानिस्तान में एक जानेमाने डॉक्टर को अगवा कर उसकी हत्या (Doctor Killed in Afghanistan) कर दी गई. मोहम्मद नादर अलेमी नाम के इस डॉक्टर का दो महीने पहले मजार-ए-शरीफ शहर से अपहरण कर लिया गया था. बाद में अपहरणकर्ताओं ने उनकी रिहाई के लिए फिरौती मांगी थी. लेकिन पैसे देने की बाद भी उनकी हत्या कर दी गई. डॉक्टर के बेटे रोहीन अलेमी ने शुक्रवार को ये जानकारी दी.
डॉक्टर के बेटे के मुताबिक अपहरणकर्ताओं ने उनकी रिहाई के लिए भारी भरकम पैसे की मांग की थी. आखिरकार परिवार वाले 350,000 डॉलर देने के लिए तैयार हो गए. हालांकि फिरौती की शुरुआती मांग दोगुने से भी अधिक थी. उनके बेटे ने बताया कि फिरौती की रकम मिल जाने के बावजूद, अपहरणकर्ताओं ने अलेमी की हत्या कर दी और उनका शव सड़क पर छोड़ दिया.
सरकारी अस्पताल में काम करते थे
रोहेन अलेमी ने कहा, 'मेरे पिता को बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया था. उनके शरीर पर चोट के निशान हैं.' पेशे से मनोचिकित्सक अलेमी मज़ार-ए-शरीफ़ में सरकार के प्रांतीय अस्पताल के लिए काम करते थे. उनके पास एक निजी क्लिनिक भी था, जिसे शहर का पहला निजी मनोरोग क्लिनिक कहा जाता था.
क्या कहा तालिबान ने?
तालिबान के आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खोस्ती ने कहा कि तालिबान बलों ने आठ संदिग्ध अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया है, जो मज़ार-ए-शरीफ के पास बल्ख प्रांत में अलेमी सहित तीन लोगों के अपहरण के पीछे थे. उन्होंने कहा कि अपहृत लोगों में से दो को बचा लिया गया है, लेकिन अलेमी की हत्या पहले ही कर दी गई. पुलिस आठ गिरफ्तार लोगों के दो सहयोगियों की तलाश कर रही है, जिनके बारे में माना जा रहा है कि उन्होंने ही डॉक्टर की हत्या की थी.
सरकार का ऐलान
इस बीच, तालिबान द्वारा संचालित वित्त मंत्रालय ने घोषणा की कि सभी सरकारी कर्मचारियों को तीन महीने का वेतन दिया जाएगा, जो तालिबान के अधिग्रहण के बाद से भुगतान नहीं किया गया था. ढहती अर्थव्यवस्था के बीच अफ़ग़ानिस्तान में सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन की कमी गरीबी में बढ़ोतरी का एक कारक रही है. (