चीन में फैमिली प्लानिंग के नियमों में दी ढील, अब तीन बच्चे पैदा करने की सरकार ने दी छूट

योजना नौजवानों की संख्या बढ़ाने की है और तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति दी गई है.

Update: 2021-05-31 09:35 GMT

चीन की सरकार ने आधिकारिक तौर पर परिवार नियोजन (Family Planning in China) से जुड़े नियमों में ढील दे दी है. जिसके बाद अब यहां दंपति तीन बच्चे पैदा कर सकते हैं. सरकार ने ये कदम देश की जनसंख्या संरचना में सुधार करने और देश की तेजी से बूढ़ी होती आबादी के समाधान के तौर पर उठाया है. इस बात की जानकारी चीन की सरकारी मीडिया ने दी है. इस फैसले की घोषणा राष्ट्रपति शी जनिपिंग की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के बाद सोमवार को की गई है. बयान जारी कर कहा गया कि अधिक उम्र वाली आबादी की बढ़ती समस्या के समाधान के लिए बड़े कदम उठाने की जरूरत है.

बायन में कहा गया, 'बच्चे पैदा करने से जुड़ी नीतियों में और सुधार किया जाएगा. दंपति को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति देने वाली परियोजना सहायक उपायों के साथ पेश की जाएगी.' सरकार की ओर कहा गया है कि अन्य उपायों के तौर पर सेवानिवृत्ति की आयु को स्थगित किया जाएगा. युवाओं को विवाह और पारिवारिक मूल्यों की शिक्षा देने के लिए अभियान चलाए जाएंगे. इसके साथ ही बच्चों की देखभाल से जुड़ी सेवाओं, मातृत्व अवकाश और बच्चों के जन्म से जुड़ी बीमा सेवा में भी सुधार होंगे.
कम हो रही आबादी
दरअसल चीन ने इसी महीने जनगणना के सरकारी आंकड़े जारी किए थे. जिनसे पता चला कि देश की आबादी बीते दशक काफी धीमी गति से बढ़ी है. बीते दस साल में औसत वार्षिक वृद्धि दर 0.53 फीसदी रही, जबकि यही दर 2000 से 2010 के बीच 0.57 फीसदी की दर से नीचे थी (China Population Data). विशेषज्ञों ने आबादी बढ़ने की इस दर पर चिंता जताई थी. जिससे चीनी सरकार पर इस बात का दबाव बढ़ा कि वह दंपतियों को अधिक बच्चे पैदा करने को कहे, ताकि जनसंख्या में आ रही कमी को रोका जा सके.
लागू हुई थी 'वन चाइल्ड पॉलिसी'
चीन ने बढ़ती आबादी को रोकने के लिए 1979 में 'वन चाइल्ड पॉलिसी' लागू की थी. इस नियम का उल्लंघन करने वालों को जुर्माना भरना होता था, उनका रोजगार चला जताा था और कई बार गर्भपात कराने तक को मजबूर होना पड़ता था. 2016 में इस नीति को समाप्त कर दंपति को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दी गई. लेकिन फिर भी बूढ़े लोगों की आबादी बढ़ रही थी और उनको सहारा देने वाली नौजवानों की पीढ़ी घट रही थी, जिसके कारण 2016 में ये नीति भी समाप्त हो गई. लेकिन फिर भी ज्यादा सुधार नहीं दिखा. अब सरकार की योजना नौजवानों की संख्या बढ़ाने की है और तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति दी गई है.

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