अमेरिका के वर्जीनिया में रात के समय लाल रंग की रोशनी दिखने लगा, तस्वीर हुई वायरल तो उठे सवाल
यह घटना तब होती है जब कोई रॉकेट इंजन 200-250 किमी की ऊंचाई पर अपने ईंधन को जलाता है।
वॉशिंगटन: अमेरिका के वर्जीनिया में रात के समय लाल रंग की रोशनी देख हर कोई हैरान हो गया। ऐसा लग रहा था कि आसमान में किसी ने लाल रंग को अलग से बिखेर दिया है। इस अद्भुत नजारे को कई फोटोग्राफरों ने अपने कैमरे में कैद किया, जिसके बाद से सोशल मीडिया में आसमान का लाल होना चर्चा का विषय बन गया। लोग तरह-तरह की बातें करने लगे। कई यूजर्स ने तो इसका संबंध एलियन और यूएएफओ तक से जोड़ दिया। हालांकि, वैज्ञानिकों ने अब स्पष्ट किया है कि इसके पीछे अमेरिकी प्राइवेट स्पेस एसेंजी स्पेसएक्स के एक रॉकेट का हाथ था। इसी रॉकेट के कारण आसमान कुछ समय के लिए लाल रंग में रंग गया था।
फाल्कन 9 रॉकेट के कारण लाल हुआ था आसमान
द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट के लॉन्चिंग के कारण रात के समय आसमान लाल रंग में नजर आने लगा था। कई एस्ट्रोफोटोग्राफ़रों ने इस घटना की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर की हैं। फ़ोटोग्राफ़र डेविड जॉनसन ने बताया कि मैं रात में मिल्की वे की शूटिंग कर रहा था, अचानक ही मेरे कैमरे की ली हुई एक तस्वीर में अजीब लाल रंग का धब्बा नजर आया। यह इससे ठीक 3 मिनट पहले ली गई तस्वीर में बिलकुल भी नहीं था।
फोटोग्राफरों ने बताया पूरा घटनाक्रम
उन्होंने कहा कि पहले तो मैं काफी गुस्सा हो गया कि इस धब्बे ने मेरी तस्वीर को खराब कर दिया है। लेकिन मैंने खुद को मनाया कि यह धब्बा जल्द ही गायब हो जाएगा और मैं और अच्छी तस्वीर ले पाउंगा। लेकिन अगली तस्वीर में यह धब्बा और ज्यादा बड़ा हो गया और देखते ही देखते दक्षिणपूर्वी आकाश के एक बड़े हिस्से को कवर करने लगा। बाद में उन्हें महसूस हुआ कि पहली तस्वीर में जो लाल रंग का धब्बा दिखाई दिया था, उसे नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता था, हालांकि बाद का लाल रंग साफ तौर पर नजर आ रहा था।
रॉकेट से कैसे लाल हो गया आसामान, जानें
इन तस्वीरें के वायरल होने के बाद अंतरिक्ष वैज्ञनिकों ने बताया कि फाल्कन 9 रॉकेट के दूसरे स्टेज के प्रज्वलन से उत्पन्न ऑक्सीजन आयन रात के आकाश में अन्य अणुओं के साथ प्रतिक्रिया करते हैं, जो बदले में इलेक्ट्रॉनों को चार्ज करते हैं। इससे लाल रंग की एक चमक पैदा होती है। बोस्टन विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञानी जेफ बॉमगार्डनर ने स्पेस वेदर को बताया कि यह चमक शायद रॉकेट के दूसरे चरण से निकलने वाली गैस है, जिससे आयनमंडल जल्दी से सोख लेता है। यह घटना तब होती है जब कोई रॉकेट इंजन 200-250 किमी की ऊंचाई पर अपने ईंधन को जलाता है।