मैसेज करने के लिए वसूली रकम, महिला हर महीने लेती थी 1.5 लाख रुपये
ज्यादातर लोग ऐसे थे जो मैसेज से बात करने की बजाय नजदीकियां बढ़ाना चाहते थे.
क्या किसी को सिर्फ मैसेज करने के लिए हर महीने सैलरी पर रखा जा सकता है. यह सुनने में अजीब लगे लेकिन अमेरिका के इंडियाना में रहने वाली एक महिला ने मैसेज करने के लिए एक शख्स से हर महीने 1.5 लाख रुपये बतौर सैलरी हासिल की है. पुरुष ने अपना अकेलापन दूर करने के लिए इस महिला को हायर कर रखा था.
अकेलापन दूर करने की चाहत
दुनिया में कई लोग ऐसे हैं जो अकेलेपन के शिकार हैं और उन्हें इसके लिए किसी पार्टनर की जरूरत होती है. लेकिन कई बार फिजिकल तरीके से ऐसा हो पाना मुमकिन नहीं होता और ऐसे में लोग किसी को वर्चुअली अपना साथी बना लेते हैं. उसमें अपना प्यार खोजने लगते हैं और वही उनके अकेलेपन का सहारा बन जाता है. विदेश में शुगर डेडी या शुगर मम्मी का कॉन्सेप्ट काफी पॉपुलर है और यह शख्स महिला का शुगर डेडी बन गया था.
महिला ने भी पुरुष के अकेलेपन का फायदा उठाया और उससे मैसेज करने के एवज में मोटी कमाई की. खुद बेली हंटर नाम की इस महिला ने टिकटॉक वीडियो में इन सब बातों का खुलासा किया है. अधेड़ उम्र के यह शख्स अपने लिए प्यार की तलाश में था और इसी का फायदा महिला ने उठाया क्योंकि उसे पैसे की जरूरत थी.
हर महीने वसूले 1.5 लाख रुपये
'मिरर' की रिपोर्ट के मुताबिक बेली हंटर ने बताया कि वह शख्स उम्र में उससे काफी बड़ा था लेकिन उसे अपना अकेलापन दूर करने के लिए कोई चाहिए था. इसी का फायदा उठाते हुए मैंने उसके साथ 3 साल तक चैटिंग की और इसके एवज में उससे खर्च के तौर पर हर महीने डेढ़ हजार पाउंड (करीब 1.5 लाख रुपये) चार्ज करती थी.
शख्स से बेली की पहली मुलाकात एक रेस्टोरेंट में हुई थी जहां वह वेटर का काम है. इसके बाद शख्स ने बेली को मोटी टिप थी साथ में अपना बिजनेस कार्ड भी वहीं छोड़ गया. इसके बाद बेली ने उसे टिप के लिए फोन करके शुक्रिया कहा और दोनों के बीच बातों का सिलसिला शुरू हो गया. बेली ने जब अपना घर बदला तो उसे शख्स ने उसकी काफी आर्थिक मदद की और हर महीने मैसेज करने के लिए उसे 1.5 लाख रुपये देता था.
अपनी फ्रेंड को सौंपा काम
बात सिर्फ सैलरी पर खत्म नहीं हुई. बैली बताती है कि उसने कई बार अपने जरूरतों के हिसाब से शख्स से पैसा मांगे और उसने कभी इनकार नहीं किया. साथ ही वह बैली को घुमाने और खिलाने पर भी मोटी रकम खर्च करता रहा. हालांकि ऐसा ज्यादा दिन नहीं चला और फिर ने शहर छोड़ दिया. फिर उस शख्स को अपनी एक फ्रेंड का नंबर दिया ताकि वह उसे मैसेज करती रहे.
अब बैली बताती हैं कि उन्हें नए शहर में कोई ऐसा शख्स नहीं मिल रहा है जो उनपर पैसा खर्च करने को तैयार रहे. उसका कहना है कि ज्यादातर लोग ऐसे थे जो मैसेज से बात करने की बजाय नजदीकियां बढ़ाना चाहते थे.